भारत में लंबी दूरी की कॉल, अंतरराष्ट्रीय कॉल और इंटरनेट सेवा (ब्रॉडबैंड सेवाएं) मुहैया कराने के लिए संयुक्त उपक्रम बनाने की सिंगटेल ऑस्ट्रेलिया की अर्जी मुश्किलों में फंस गई है।
सुरक्षा संबंधी पहलुओं पर कंपनी को हरी झंडी दिए जाने पर गृह मंत्रालय ने सवालिया निशान लगा दिया है। दरअसल हाल ही में सिंगटेल में 56 फीसदी हिस्सेदारी वाली तिमासेक होल्डिंग्स पर प्रतिस्पद्र्धा कानून तोड़ने के आरोप में इंडोनेशिया की कारोबार नियामक संस्था ने जुर्माना लगाया है। इंडोनेशिया में दो दूरसंचार कंपनियों में सिंगटेल की हिस्सेदारी है।
गृह मंत्रालय ने इसी जुर्माने के आधार पर कंपनी का आवेदन ठुकरा दिया है। सिंगटेल ने पिछले साल के अंत में यह आवेदन किया था। पिछले साल विदेशी कंपनियों के कारोबार पर नजर रखने वाली इंडोनेशियाई कंपनी केपीपीआई ने तिमासेक पर लगभग 11.2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। इंडोनेशियाई कानून के मुताबिक कोई भी विदेशी कंपनी इंडोनेशिया की कंपनी में 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी नहीं खरीद सकती है।
सिंगटेल के पास पीटी टेलकॉमसेल की 35 फीसदी हिस्सेदारी है। तिमासेक की सहायक कंपनी सिंगापुर टेक्नोलॉजीज टेलीमीडिया की एशिया मोबाइल होल्डिंग्स (एएमएच) में 75 फीसदी हिस्सेदारी है। जिसकी पीटी इंडोसेट में 40 फीसदी हिस्सेदारी है। इंडोनेशिया के कानून के मुताबिक कोई भी विदेशी कं पनी किसी भी इंडोनेशियाई कंपनी में 50 फीसदी हिस्सेदारी या फिर बाजार पर कब्जा नहीं कर सकता है। सिंगटेल ने इस आरोप के विरोध में दलील दी थी कि कंपनी के पास 50 फीसदी से कम ही हिस्सेदारी है। लेकिन नियामक संस्था इस बात पर कायम रही कि कंपनी ने कानून तोड़ा है।
संस्था के मुताबिक तिमासेक के पास कंपनी के ऊंचे पदों पर लोगों को नियुक्त करने के अधिकार के साथ ही कंपनी की गोपनीय जानकारियां भी थी। इस कारण कंपनी बाजार पर कब्जा कर सकती थी। केपीपीआई ने तिमासेक को दोनों में से किसी भी कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचने का आदेश दिया था। सिंगापुर टेक्नोलॉजीज ने हाल ही में पीटी इंडोसेट में अपनी हिस्सेदारी क्यूटेल को बेची है। तिमासेक की भारत में दो दूरसंचार कंपनियों में हिस्सेदारी है। भारती में कंपनी की सिंगटेल के जरिये भारती में है और सीधे तौर पर टाटा टेलीसर्विसेज में 10 फीसदी हिस्सेदारी है।
सिंगटेल ने भारती समूह की भारती एयरटेल, भारती एक्वानेट और भारती टेलीकॉम में निवेश किया है। कंपनी ने भारत में लोगों को अपनी ब्रांड के नाम से परिचित करने के लिए सिंगापुर टेलीकॉम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम से सहायक कंपनी भी बनाई है। लंबी दूरी की सेवाओं के लिए कंपनी ने भारती इंटरप्राइजेज और लीला लेस सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस से बात कर रही है।