कम्प्यूटर क्षेत्र की वैश्विक कंपनी ह्यूलिट पैकर्ड (एचपी) इस क्षेत्र की एप्पल और सोनी जैसी अन्य कंपनियों से प्रतिस्पर्धा करने की तैयारी में है जिन्होंने इस वर्ष के अंत तक घरेलू लग्जरी नोटबुक बाजार में अपने ‘कल्ट ब्रांड्स’ को उतारने की योजना बनाई है।
एचपी इंडिया के प्रमुख (कंज्यूमर-मार्केटिंग, पर्सनल सिस्टम्स गु्रप) शुभदीप पाल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हम ‘ब्रेकथ्रू-टेकनोलॉजी’ के साथ पैविलियन ब्रांड के तहत आठ मॉडल पेश करने जा रहे हैं। इससे देश में लग्जरी नोटबुक बाजार में हमारी बाजार भागीदारी को मजबूती मिलेगी।
सभी नए उत्पादों की कीमत 35,000 रुपये से 100,000 रुपये की रेंज में होगी। इन उत्पादों को इस वर्ष जुलाई से सितंबर के बीच लॉन्च किया जाएगा।’ भारत में नोटबुक बाजार में एचपी 2007 में यूनिट शिपमेंट के संदर्भ में 37 फीसदी की बाजार भागीदारी के साथ शीर्ष स्थान पर बनी रही। इसके बाद लेनोवो और एसर की क्रमश: 16 फीसदी और 10 फीसदी बाजार भागीदारी रही।
लग्जरी सेगमेंट में फिलहाल एचपी के 6 मॉडल उपलब्ध हैं और इस सेगमेंट में इसकी बाजार भागीदारी 40 फीसदी है। आईडीसी डेटा के मुताबिक 2007 में नोटबुक पीसी शिपमेंट 18 लाख यूनिट पर पहुंच गई थी जो 2006 में 9.80 लाख थी। फिलहाल एचपी का ‘वैल्यू-फॉर-मनी’ब्रांड कॉम्पेक देश में इसके कुल नोटबुक व्यवसाय में 60 फीसदी का योगदान करता है वहीं बाकी व्यवसाय पर पैवीलियन रेंज की भागीदारी है।
पाल ने बताया, ‘इस वर्ष के दौरान अनुपात में बदलाव नहीं होने जा रहा है। वैसे, हम बदलती जीवनशैली के कम्प्यूटिंग ट्रेंड पर, विशेष कर दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों में अधिक ध्यान दे रहे हैं जहां हमें अपनी बाजार भागीदारी बनाए रखने में मदद मिलने की संभावना है।’
उन्होंने कहा कि नोटबुक बाजार प्रथम दर्जे के शहरों में लंबे समय तक मजबूत स्थिति में नहीं रहा है, लेकिन सस्ती और किफायती कीमतों के कारण यह लुधियाना, जालंधर और विशाखापटनम जैसे दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों में अपनी जगह बना चुका है।
अपनी आक्रामक ‘गो-टु-मार्केट’ रणनीति के तहत एचपी अपनी रिटेल उपस्थिति में विस्तार कर इसे 600 शहरों तक पहुंचाने और अपने एचपी वर्ल्ड आउटलेटों को 132 से बढ़ा कर 150 किए जाने की भी योजना बना रही है। पाल ने कहा, ‘इसके अलावा हम अपने रिटेल पार्टनर नेटवर्क का विस्तार करने की भी योजना बना रहे हैं। इस विस्तार में मल्टी-ब्रांडेड आउटलेटों और बड़े आकार वाले रिटेलरों की संख्या इस वर्ष के अंत तक 4100 से बढ़ा कर 6000 किए जाने की योजना भी शामिल है।