दक्षिण कोरिया की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी हुंडई मोटर कंपनी कार के बाद अब भारतीय बस बाजार को भी निशाना बना रही है। कंपनी ने देश में बसें बेचने का फैसला किया है।
वह लंदन के कपारो समूह के साथ मिलकर अगले वर्ष से भारत में लक्जरी बसें बनाना और बेचना शुरू कर देगी।इस सिलसिले में कंपनी ने आज कपारो के साथ समझौते पर दस्तखत किए। समझौते के तहत भारत में एयरो बसें चलाई जाएंगी। हुंडई इनके लिए पुर्जे और प्रौद्योगिकी मुहैया कराएगी। कपारो चेन्नई में बस बनाने का संयंत्र लगाएगी, जो सालाना 1,500 बसें तैयार करेगा। लेकिन हुंडई ने इस परियोजना में होने वाले निवेश के बारे में कोई खुलासा नहीं किया।
कंपनी ने बस इतना बताया कि प्रौद्योगिकी देने के बदले उसे 16 करोड़ रुपये मिलेंगे। यह करार 5 साल के लिए है। कपारो के संयंत्र में उत्पादन अगले वर्ष के शुरुआती महीनों में आरंभ होने की संभावना है। साझा उपक्रम 2013 तक 5,100 बसें बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।
भारत में वैसे भी बसों और व्यावसायिक वाहनों की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसी वजह से डेमलर एजी, नविस्तार इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन और निसान मोटर कंपनी जैसे दिग्गज महारथियों ने यहां डेरा डाल दिया है। पिछले 2 सालों में ये कंपनियां भारत में अपने व्यावसायिक वाहन उपक्रम लगा चुकी हैं।
भारत में व्यावसायिक वाहनों, खास तौर पर लक्जरी बसों का बाजार बढ़ रहा है। वाहन निर्माताओं के संघ (सियाम) के मुताबिक अत्याधुनिक बसों की बिक्री 2010 तक दोगुनी हो जाएगी। यही वजह है कि कार बाजार में मजबूत पैठ बना चुकी हुंडई भी इस तरफ भाग चली है। भारत के कार बाजार में हुंडई बहुत बड़ा नाम है। यात्री कार बनाने के मामल में मारुति सुजुकी इंडिया के बाद दूसरा स्थान इसी कंपनी का है।
कपारो समूह की भारत, कनाडा और स्पेन समेत तमाम देशों में 40 से भी ज्यादा कंपनियां हैं। यह मुय रूप से इस्पात, वाहन और आम इंजीनियरिंग उत्पाद तैयार करती है।