देश के कार बाजार में अपनी हिस्सेदारी बरकरार रखने और विस्तार की रफ्तार बढ़ाने के लिए मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने तगड़े निवेश का फैसला किया है।
बाजार में हिस्सेदारी के लिहाज से देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति विभिन्न योजनाओं में 9,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसमें से ज्यादातर हिस्सा अनुसंधान एवं विकास, भंडारण, मार्केटिंग और डिजायन आदि पर खर्च किया जाएगा।कंपनी इससे पहले भी भारत में 9,000 करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान कर चुकी है। उसका इस्तेमाल मारुति अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर लगाएगी।
अब भी देश में बिकने वाली हर दूसरी कार आम तौर पर मारुति की ही होती है। निवेश की नई योजना इस घोषणा से बिल्कुल अलग है।उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर कंपनी ने जो निवेश करने की ठानी है, उसके लिए 3 साल का समय तय किया गया है। लेकिन आरऐंडडी वगैरह पर निवेश की जो दूसरी खेप खर्च की जानी है, उसे कंपनी 8 साल की अवधि में खर्च करेगी।
मारुति के प्रबंध निदेश और मुय कार्यकारी शिंजो नाकानिशी कहते हैं, ‘हम भारत में 9,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। कंपनी के चेयरमैन ओसामू सुजुकी ने पिछले साल जो निवेश की घोषणा की थी, यह उससे अलग है। अब हम पर्दे के पीछे की गतिविधियों पर ज्यादा ध्यान देंगे, ताकि हमारा कुल कारोबार चमक सके।’
कंपनी क्षेत्रीय स्तर पर बड़े गोदाम यानी भंडारगृह स्थापित करेगी। ये गोदाम देश के प्रत्येक वितरण क्षेत्र की जरूरतों का पूरा ध्यान देंगे। इसका मतलब है कि मुंबई में मौजूद मारुति के डीलर को किसी खाास मॉडल के लिए अब गुड़गांव या मानेसर संयंत्र की राह नहीं पकड़नी पड़ेगी। वह सीधे अपने क्षेत्र के गोदाम से कार मंगा लेगा। इससे आपूर्ति का समय 70 से 75 फीसदी कम हो जाएगा।
चालू वित्त वर्ष में कुछ और मॉडल उतारने के अलावा कंपनी मानेसर संयंत्र में उत्पादन भी बढ़ने की उमीद कर रही है। उसे उमीद है कि इस साल अक्टूबर तक इसी संयंत्र से 300,000 कारों का उत्पादन हो जाएगा। इससे कंपनी की कुल उत्पादन क्षमता 900,000 कार तक पहुंच जाएगी।अगले वित्त वर्ष में कंपनी अपने जखीरे में एक और छोटी कार जोड़ने की योजना बना रही है। हालांकि वह साफ तौर पर कह चुकी है कि ‘नैनो’ से उसका मुकाबला नहीं है।
लंका में सबसे पसंदीदा ‘इंपोटर्ेड कार’
मारुति सुजुकी केवल भारत में पसंदीदा कार है, यह मानना भूल है। श्रीलंका में यह सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली आयातित कार है।कंपनी का दावा है कि श्रीलंका सरकार के कार आयात के ताजा आंकड़ों में उसे सबसे पसंदीदा कार निर्माता बताया गया है। वहां की सरकार के मुताबिक लगातार पांचवें साल मारुति इस मामले में अव्वल रही है।
श्रीलंका में कारोबार शुरू करने के बाद से कंपनी 26,000 कारों का निर्यात कर चुकी है। उसने सबसे पहले 1989-90 में वहां 10 कारों का निर्यात किया था।श्रीलंका में कंपनी का सबसे लोकप्रिय मॉडल मारुति 800 है। वहां इस मॉडल की तकरीबन 16,000 कारें सड़कों पर दौड़ रही हैं। इसके अलावा आल्टो और स्विट को भी काफी पसंद किया जा रहा है।मारुति एसएक्स 4 के अलावा अपने सभी मॉडलों का निर्यात करती है। श्रीलंका में उन सभी मॉडलों की तूती बोलती है।