निजी क्षेत्र के इंडसइंड बैंक का कर पूर्व लाभ जून तिमाही में 72 फीसदी की गिरावट के साथ 602.45 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 2,160.34 करोड़ रुपये रहा था। इसकी वजह कोविड के लिए हुआ अतिरिक्त प्रावधान है क्योंंकि बैंक की शुद्ध ब्याज आय सालाना आधार पर 16.4 फीसदी बढ़कर 3,309 करोड़ रुपये रही। बैंंक का शुद्ध लाभ हालांकि एक साल पहले के 1,432.3 करोड़ रुपये के मुकाबले 68 फीसदी घटकर 460.4 करोड़ रुपये रह गया।
बैंक को तरजीही शेयर के जरिए 3,288 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी मिली है। इससे बैंक का पूंजी आधार 125 आधार अंक बढ़ेगा और पूंजी पर्याप्तता अनुपात 16.5 फीसदी पर पहुंच जाएगा। राउट वन, आईसीआईसीआई प्रू लाइफ, टाटा इन्वेस्टमेंट, एआईए कंपनी और प्रवर्तक व होल्डिंग कंपनी को शेयर आवंटित किए गए। राउट 935 करोड़ रुपये देगी जबकि आईसीआईसीआई प्रू 560 करोड़ रुपये और टाटा इन्वेस्टमेंट 300 करोड़ रुपये व एआईए 410 करोड़ रुपये। हिंदुजा कैपिटल 299 करोड़ रुपये जबकि इंडसइंड इंटरनैशनल होल्डिंग 493 करोड़ रुपये निवेश करेगी। प्रवर्तकों का निवेश तीन साल के लिए लॉक होगा जबकि रणनीतिक निवेशकों का एक साल के लिए।
आरबीएल बैंक का शुद्ध लाभ 47 फीसदी घटा
आरबीएल बैंक ने मंगलवार को बताया कि प्रावधानों में दोगुनी बढ़ोतरी होने के कारण चालू वित्त वर्ष की जून में समाप्त पहली तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 47 फीसदी घटकर 141.22 करोड़ रुपये रह गया। निजी क्षेत्र के बैंक ने बताया कि पिछले साल जून तिमाही में उसे 267.05 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। हालांकि, अप्रैल-जून 2020 तिमाही में बैंक की कुल आय थोड़ा बढ़कर 2,568.32 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले की समान तिमाही में 2,503.88 करोड़ रुपये रही थी। बैंक ने बताया की जून तिमाही में फंसे हुए कर्ज के लिए प्रावधानों और आकस्मिक व्यय के लिए प्रावधान दोगुने से अधिक बढ़कर 500.16 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 196.95 करोड़ रुपये था। इस दौरान बैंक की सकल गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) या खराब ऋणों में पर्याप्त बढ़ोतरी हुई और यह एक साल पहले के 1.65 फीसदी के मुकाबले बढ़कर 3.45 फीसदी हो गया। इसी तरह शुद्ध एनपीए 0.65 फीसदी से बढ़कर 1.65 फीसदी हो गया।
आईडीबीआई बैंक को 438 करोड़ रु. का लाभ
शुद्ध ब्याज आय में बढ़ोतरी और प्रावधान में कमी के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के आईडीबीआई बैंक का कर पूर्व लाभ जून तिमाही में 437.97 करोड़ रुपये रहा। भारतीय जीवन बीमा कॉरपोरेशन की सहायक ने जून 2019 की तिमाही में 5,381.1 करोड़ रुपये का कर पूर्व नुकसान दर्ज किया था। बैंक का शुद्ध लाभ इस अवधि में 144.43 करोड़ रुपये रहा जबकि पिछले साल की समान अवधि में उसने 3,800.84 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान दर्ज किया था। मार्च 2020 में समाप्त तिमाही में बैंक ने 135.39 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था। बीएसई पर बैंक का शेयर 3.66 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 38.25 रुपये पर बंद हुआ। बैंक आरबीआई की त्वरित उपचारात्मक कार्रवाई (पीसीए) के दायरे में है क्योंकि उसकी वित्तीय व परिसंपत्ति गुणवत्ता का प्रोफाइल कमजोर है। पीसीए के जरिए बैंक पर कुछ निश्चित पाबंदी लगाई जाती है। बैंक अपने प्रदर्शन की जानकारी आरबीआई को देगा और पीसीए से बाहर निकालने का निवेदन करेगा।
येस बैंक का शुद्ध लाभ 60 फीसदी घटा
येस बैंक ने मंगलवार को बताया कि 30 जून को समाप्त पहली तिमाही के दौरान उसका एकल शुद्ध लाभ 45.44 करोड़ रुपये रहा। निजी क्षेत्र के बैंक ने पिछले साल की समान तिमाही में 113.76 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था। बैंक ने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान बैंक की कुल आय 32.8 फीसदी घटकर 6,106.74 करोड़ रुपये रही, जो 2019-20 की समान अवधि में 9,088.80 करोड़ रुपये थी। समीक्षाधीन तिमाही में बैंक की ब्याज आय घटकर 5,486.08 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले की समान अवधि में 7,816.14 करोड़ रुपये थी। इस तिमाही के लिए बैंक ने फंसे हुए कर्ज और आकस्मिक व्यय के लिए 1,086.61 करोड़ रुपये का प्रावधान किया। जून तिमाही में समेकित आधार पर बैंक का शुद्ध लाभ जून तिमाही में 95.56 करोड़ रुपये से घटकर 34.05 करोड़ रुपये रह गया। इस दौरान बैंक की परिसंपत्ति की गुणवत्ता में पर्याप्त गिरावट हुई और 30 जून 2020 तक कुल अग्रिम के मुकाबले उसकी सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) 17.30 फीसदी थी। बीएसई में येस बैंक का शेयर 3.90 फीसदी की गिरावट के साथ 11.90 रुपये पर बंद हुआ। बीएस