तेल भंडार के मामले में अफ्रीका के सबसे बड़े और संपन्न देश लीबिया ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और ऑयल इंडिया लिमिटेड और अल्जीरिया की सरकारी तेल कंपनी सोनाट्रेक को अन्वेषण एवं उत्पादन अधिकार प्रदान करने के लिए एक निर्णायक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
देश के नेशनल ऑयल कॉरपोरेशन ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान में कहा है कि तीनों कंपनियां अन्वेषण कार्य पर 608 करोड़ रुपये खर्च करेंगी जिसमें लीबिया के घेदामेस क्षेत्र में ब्लॉक 95-96 में आठ कुओं की खुदाई का कार्य भी शामिल है। इसमें कहा गया है कि इस समझौते को सरकारी अनुमति प्राप्त होने पर ये कंपनियां बोनस के रूप में नेशनल ऑयल को 40 करोड़ रुपये चुकाएंगी।
सोनाट्रेक के नेतृत्व वाला समूह, ओएओ गजप्रोम, रॉयल डच, शेल पीएलसी, ओक्सीडेंटल पेट्रोलियम कॉर्प, जर्मनी की आरडब्ल्यूई एजी और पोलैंड की पोल्स्की गोर्निकटू नैफ्टोवे आई गजोव्निकटू एसए ने उत्तर अफ्रीकी देश में संभावित गैस संपन्न इलाकों में अन्वेषण अधिकार के लिए दिसंबर में नीलामी प्रक्रिया में विजयी रही थीं।
इस अनुबंध के लिए सोनाट्रेक और अन्य नीलामी विजेताओं की जरूरत है जो किसी भी तरह की खोज का सरकार के साथ आदान-प्रदान कर सकें। लीबिया तेल उत्पादन क्षमता 2013 तक बढ़ा लेगी।