प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5जी सेवा की तेजी से शुरुआत करने के लिए सरकार और उद्योग के बीच सहयोगात्मक प्रयासों का आज आह्वान किया, क्योंकि अगले डेढ़ दशक में भारतीय अर्थव्यवस्था में इसका 450 अरब डॉलर का योगदान होगा।
मोदी ने कहा ‘5जी शासन में, जीवन की सुगमता में और कारोबार सुगमता में सकारात्मक बदलाव लाएगी। इससे खेती, स्वास्थ्य, शिक्षा, अवसंरचना और लॉजिस्टक जैसे हर क्षेत्र में विकास को बढ़ावा मिलेगा। अगले डेढ़ दशक में 5जी तकनीक आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के जरिये 450 अरब डॉलर का योगदान करेगी।’
उन्होंने कहा कि देश को इस दशक के अंत तक 6जी सेवा की शुरुआत के लिए तैयार रहना चाहिए और इसे लागू करने के लिए एक कार्यबल का गठन किया गया है। मोदी भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण की 25वीं वर्षगांठ पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। मोदी ने कहा कि जहां 2जी का युग भ्रष्ट्राचार और नीतिगत पंगुता वाला था, वहीं अब भारत तेजी से 3जी से 4जी और अब 5जी और 6जी की दिशा में बढ़ गया है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार चुनौतियों का प्रभावी ढंग से जवाब देते हुए निवेशकों का विश्वास जीतने में कामयाब रही है और इसके परिणामस्वरूप दूरसंचार क्षेत्र में विदेशी निवेश में इजाफा हुआ है।
उन्होंने कहा कि आज भारत देश में प्रत्येक गांव को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से पहले भारत में 100 ग्राम पंचायतों को भी ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी प्रदान नहीं की गई थी। मोदी ने कहा कि आज हमने लगभग 1,75,000 ग्राम पंचायतों तक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंच करवा दी है। इसकी वजह से सैकड़ों सरकारी सेवाएं गांवों तक पहुंच रही हैं।
उन्होंने ट्राई से भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहने का भी आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज विनियमन केवल एक क्षेत्र की सीमाओं तक ही सीमित नहीं है। प्रौद्योगिकी विभिन्न क्षेत्रों को आपस में जोड़ रही है। इसलिए आज हर कोई सहयोगात्मक विनियमन की जरूरत महसूस कर रहा है।