भारत में डेटा सुरक्षा पर औसत लागत 2022 में 17.6 करोड़ रुपये की सर्वकालिक ऊंचाई पर पहुंच गई। आईबीएम कॉस्ट ऑफ डेटा ब्रीच रिपोर्ट 2022 में यह खुलासा किया गया है। एक साल पहले भारत में डेटा सुरक्षा पर औसत खर्च 16.5 करोड़ रुपये थी। इस प्रकार साल 2022 के दौरान डेटा सुरक्षा पर औसत लागत में 6.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि औसत लागत में 2020 के 14 करोड़ रुपये के मुकाबले 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
आईबीएम इंडिया ऐंड साउथ एशिया के उपाध्यक्ष (प्रौद्योगिकी, आईबीएम टेक्नोलॉजी सेल्स) विश्वनाथ रामास्वामी ने कहा, ‘भारत के बारे में इस खुलासे से साइबर खतरे में हुए इजाफे का पता चलता है। इतना तो साफ है कि कंपनियां साइबर हमलों से बच नहीं सकती हैं।’
साइबर सुरक्षा पर प्रति रिकॉर्ड औसत लागत 11 साल की ऊंचाई को छू गया। भारत में साइबर सुरक्षा पर औसत प्रति रिकॉर्ड लागत 2022 में 6,100 रुपये था जो 2021 में 5,900 रुपये के मुकाबले 3.3 फीसदी अधिक है। यह साल 2020 मं 5,522
रुपये के मुकाबले 10.4 फीसदी अधिक है।
सबसे अधिक औसत डेटा सुरक्षा लागत वाले उद्योगों में औद्योगिक (रसायन प्रसंस्करण, इंजीनियरिंग और विनिर्माण) शामिल हैं। औद्योगिक उद्योग की औसत डेटा सुरक्षा लागत 2022 में 9,024 रुपये रही। उसके बाद सेवा उद्योग का स्थान रहा जिसमें पेशेवर सेवा- कानूनी फर्म, लेखा फर्म एवं सलाहकार फर्म और सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर कंपनियों के साथ प्रौद्योगिकी उद्योग शामिल हैं। सेवा उद्योग की औसत डेटा सुरक्षा लागत 2022 में 7,085 रुपये रही जबकि प्रौद्योगिकी उद्योग की औसत डेटा सुरक्षा लागत 6,900 रुपये रही।
रामास्वामी ने कहा कि सुरक्षा दक्षता को काफी लचीला रखा गया है ताकि वह हमलावर के किसी भी दांव से निपटने में समर्थ हो जो उद्योग के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है।