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5जी सेवा शुरू करने की तैयारी में भारती एयरटेल

Last Updated- December 12, 2022 | 5:58 AM IST

भारती एयरटेल नॉन-स्टैंड अलोन (एनएसए) 5जी नेटवर्क तकनीक लाने जा रही है और 3.5 गीगाहट्र्ज बैंड पर स्पेक्ट्रम मिलने के चार से पांच महीने के भीतर देश भर में इस सेवा की वाणिज्यिक शुरुआत कर सकती है। उम्मीद की जा रही है कि इस साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत में 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी हो सकती है।
भारती एयरटेल ने कहा कि उसे अपनी पूंजीगत जरूरतों में खास बदलाव करने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि 4जी पर किए निवेश का लाभ कंपनी को 5जी में भी मिलेगा। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘3.5 गीगाहट्र्ज बैंड पर 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के बाद हम किसी भी समय अपने नेटवर्क को 5जी में बदलने के लिए तैयार हैं। हम एनएसए 5जी नेटवर्क अपनाएंगे और इस्तेमाल देखते हुए लगता है कि वह देश में वह अगले दस साल तक कारगर रहेगा। मगर स्टैंडअलोन 5जी पहले भी आ सकता है।’
5जी पर भारती का रुख रिलायंस जियो से एकदम अलग है। जियो सीधे स्टैंडअलोन 5जी नेटवर्क लाने जा रही है, जो अगली पीढ़ी की तकनीक है। एनएसए 5जी तकनीक में दूरसंचार कंपनियां अपने मौजूदा 4जी कोर का उपयोग कर सकती हैं। इससे कंपनियों को 4जी पर किए गए निवेश का लाभ मिलेगा और पूंजीगत लागत भी कम होगी। उन्हें नए बैंड के स्पेक्ट्रम के उपयोग के लिए नए रेडियो में कुछ निवेश करना होगा।
एयरटेल के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इस तकनीक से कम समय (8 मिलीसेकंड) में ही मशीन से मशीन के बीच काम हो जाता है, उद्योगों के लिए स्मार्ट कारखाने चलाने तथा मोबाइल ग्राहकों के लिए ऑग्मेंटेड रियलिटी सेवाएं चलाने में यह काम आती है। मगर दूर से (रिमोट) रोबोटिक सर्जरी या स्वचालित कार चलाने में शायद यह काम नहीं आएगी क्योंकि इन कामों में अधिक सटीकता की जरूरत पड़ती है।
स्टैंडअलोन 5जी नेटवर्क 5जी कोर पर आधारित होता है, जिसमें बहुत कम विलंब होता है। इसी कारण यह रोबोटिक सर्जरी, आईओटी आधारित संचार, रिमोट नियंत्रित बुनियादी ढांचे या व्यापक डेटा विश्लेषण में कारगर होता है। दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, अमेरिका और चीन में 5जी शुरू होने के कुछ साल बाद ही 5जी कोर लागू करने की प्रक्रिया चल रही है।
5जी के शुल्क के बारे में पूछने पर कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शुल्क ज्यादा होगा मगर यह बाजार में मौजूद प्रतिस्पद्र्घा पर निर्भर करेगा। उन्होंने जियो की तरह मोबाइल उपकरणों को रियायती दरों पर उपलब्ध काराने की संभावना से इनकार किया। जियो ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए स्मार्टफोन के साथ 4जी सेवाओं की पेशकश कर रही है। इससे पहले कंपनी 4जी फीचर फोन भी दे चुकी है, जिससे कंपनी को अपना ग्राहक आधार बढ़ाने में मदद मिली है। एयरटेल के अधिकारी ने कहा, ‘न तो हम सब्सिडी यानी छूट देते हैं और न ही हम फोन बनाने के कारोबार मे हैं। जिस भी कंपनी ने छूट दी है, उसे बाद में अफसोस ही हुआ है।’
उन्होंने कहा कि भारत में उनके राजस्व का 50 फीसदी परिचालन खर्च में चला जाता है, जिसमें 30 से 35 फीसदी नेटवर्क पर खर्च होता है। विकसित देशों में यह लागत केवल 17 से 18 फीसदी है। ऐसे में उन देशों में सब्सिडी देने की गुंजाइश है। एयरटेल फाइबर नेटवर्क के विस्तार पर खर्च कर रही है। उसका लक्ष्य 1,000 शहरों में फाइबर नेटवर्क बिछाना है।

First Published - April 13, 2021 | 11:12 PM IST

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