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भारतीय साइबर सुरक्षा सेवा व उत्पाद उद्योग में उफान

Last Updated- December 11, 2022 | 10:42 PM IST

पिछले दो वर्षों में भारतीय साइबर सुरक्षा उद्योग में खासी बढ़ोतरी देखने को मिली है। साइबर सुरक्षा सेवा व उत्पाद उद्योग का संयुक्त राजस्व 2021 में 9.85 अरब डॉलर रहेगा और पिछले दो साल में उसमें सालाना 40 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि की रफ्तार से बढ़ोतरी होगी। डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (डीएससीआई) के अध्ययन से यह जानकारी मिली।
साइबर सुरक्षा उद्योग की रिपोर्ट – सेवा व उत्पादों में बढ़त की कहानी शीर्षक से इस अध्ययन में साइबर सुरक्षा सेवाओं का राजस्व 2021 में 8.48 अरब डॉलर रहने की बात कही गई है और उसमें साल 2019 के 4.3 अरब डॉलर के मुकाबले 40.33 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि की रफ्तार से बढ़ोतरी होगी। उत्पाद उद्योग साल 2019 के 74 करोड़ डॉलर से 2021 में 1.37 अरब डॉलर पर पहुंचेगा, यानी उसमेंं सालाना 36.49 फीसदी चक्रवृद्धि की रफ्तार रहेगी।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अजय साहनी ने कहा ‘भारत का साइबर सुरक्षा उद्योग पिछले दो वर्षों में महामारी के दौरान अत्यधिक साइबर सुरक्षा जोखिम का प्रबंधन करने के लिए सरकार और सभी महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों का समर्थन करने में सबसे आगे था। यह रिपोर्ट भारतीय साइबर सुरक्षा सेवाओं और स्टार्टअप की क्षमताओं तथा भारत और वैश्विक स्तर पर ग्राहकों को सेवा प्रदान करने के लिए उत्पादों और सेवाओं में लगातार नवोन्मेष को प्रदर्शित करती है।’
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय 5जी, हार्डवेयर, आईओटी सुरक्षा जैसे उभरते क्षेत्रों में अपने नवोन्मेष को बढ़ाने के वास्ते डीएससीआई के साथ साझेदारी करने के लिए प्रतिबद्ध है और अपने प्रमुख आईएसईए और फ्यूचर स्किल प्रोग्राम के जरिये उद्योग की प्रतिभा की मांग को पूरा करता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उद्योग सर्वांगीण समाधान प्रदान करने और सुरक्षा एकीकरण तथा तैनाती को सरल बनाने के लिए एक प्लेटफॉर्म आधारित दृष्टिकोण की ओर बढ़ रहा है। विश्लेषण वाली सेवाओं और उत्पाद कंपनियों में से क्रमश: लगभग 78 प्रतिशत और 76 प्रतिशत प्लेटफॉर्म आधारित सेवाओं और उत्पादों की पेशकश करती हैं, जिसमें 74 प्रतिशत अपनी पेशकशों में इजाफा करने के लिए एल/एमएल का लाभ उठाती हैं।
साइबर सुरक्षा सेवाओं और उत्पादों की मांग में यह तेजी साइबर सुरक्षा प्रतिभा के विस्तृत होते दायरे में भी परिलक्षित होता है, जो वर्ष 2019 की 1.1 लाख की संख्या से बढ़कर वर्ष 2021 में 2.18 लाख तक पहुंच चुका है।

First Published - December 21, 2021 | 11:35 PM IST

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