उद्यमों को डिजिटल समाधान मुहैया कराने वाली कंपनियां भी 5जी स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाने के बारे में विचार कर रही हैं। इस कदम से दूरसंचार क्षेत्र में कंपनियों की संख्या बढ़ेगी। अभी इस क्षेत्र में केवल तीन मोबाइल दूरसंचार प्रदाता- रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ही मौजूद हैं। उनमें से कम से कम टाटा कम्यूनिकेशंस आईएसपी को 5जी स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाने की मंजूरी देने की प्रबल समर्थक रही है ताकि वे अपने उद्यम ग्राहकों को 5जी ब्रॉडबैंड सेवा मुहैया करा सकें और दूरसंचार कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकें। टाटा कम्यूनिकेशंस के पास एक आईएसपी लाइसेंस है। जब टाटा कम्यूनिकेशंस के एक प्रवक्ता से पूछा गया कि क्या वे 5जी स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाने का आकलन कर रहे हैं तो उन्होंने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
टाटा कम्यूनिकेशंस, एमेजॉन एडब्ल्यूएस, गूगल, हाइपरस्केल डेटा सेंटर कंपनियों जैसी डिजिटल समाधान प्रदाता क्लाउड कंप्यूटिंग, अत्यधिक भरोसेमंद इंटरनेट सेवाएं, सुरक्षा समाधान सरीखी बहुत सी सेवाएं मुहैया कराती हैं। मौजूदा नियमों के तहत निस्संदेह आईएसपी बोली लगा सकती हैं, लेकिन उन्हें यूएएसएल लाइसेंस के लिए भुगतान कर उसे हासिल करना होता है, जो एक अड़चन हो सकती है।
उद्यम समाधान प्रदाताओं को मदद देने वाले सूत्रों के मुताबिक वे उन कुछेक सर्किलों में ही जाने की व्यवहार्यता के बारे में विचार कर रहे हैं, जिनमें कंपनियों का केंद्रीकरण है। इन सर्किलों में दिल्ली तथा मुंबई, कर्नाटक, आंधप्रदेेश, महाराष्ट्र और शायद गुजरात शामिल हैं। उनका कहना है कि उनके लिए सीमित स्पेक्ट्रम की की बोली लगाना पर्याप्त होगा। यह स्पेक्ट्रम- 3.5 गीगाहट्र्ज बैंड में करीब 30 से 50 मेगाहट्र्ज और मिलीमीटर बैंड में 100 मेगाहट्र्ज बी2बी सेवाओं की जरूरत पूरी करता है।
स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाने जा रही एक प्रमुख दूरसंचार कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘हम जानते हैं कि कुछ उद्यम समाधान कंपनियां 5जी स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाने के बारे में विचार करेंगी। वे ट्राई के साथ 5जी की बातचीत में अत्यधिक सक्रिय भागीदार रही हैं, लेकिन हम इसे लेकर चिंतित नहीं हैं। हम ऐसी कंपनियों के बी2सी सेवाएं मुहैया कराने के लिए किसी दूरसंचार कंपनी से गठजोड़ करने की स्थितियों के लिए भी तैयार हैं क्योंकि अब स्पेक्ट्रम साझा करने और लीज पर देने की मंजूरी है।’
हालांकि उन्हें नहीं लगता कि इस सीमित प्रतिस्पर्धा से 5जी स्पेक्ट्रम की कीमत में आधार कीमत से बहुत ज्यादा बढ़ोतरी होगी। इसकी वजह यह है कि पहले ही पर्याप्त स्पेक्ट्रम उपलब्ध है। उद्यम समाधान प्रदाताओं के लिए जरूरत कम है और वोडफोन आइडिया के भी आक्रामक बोली लगाने के आसार नहीं हैं।
टाटा कम्युनिकेशंस ने 5जी स्पेक्ट्रम की कीमत पर ट्राई के विमर्श पत्र का जवाब देते हुए साफ कहा था, ‘पिछली नीलामियों के पात्रता मानदंड में उपयुक्त बदलाव किए जाने चाहिए ताकि आईएसपी को 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में एक संभावित बोलीदाता के रूप में शामिल किया जा सके।’ कंपनी ने कहा है कि आईएसपी को फिर से 5जी नीलामी में हिस्सा लेने और बोली लगाने की मंजूरी दी जाए क्योंकि वे 2010 की नीलामी में बीडब्ल्यूए (4जी) स्पेक्ट्रम की खातिर बोली लगाने के लिए पात्र थे। उसने कहा है कि आईएसपी का उद्यम ग्राहकों को सेवाएं देने पर जोर होता है और उन्हें उच्च क्षमता और कम लेटेंसी की उद्यमों की मांग पूरी करने के लिए फिक्स्ड वायरलेस सेवाएं शुरू करने की जरूरत है। इसने यह भी तर्क दिया है कि अगर इस बाजार में केवल तीन कंपनियां ही मौजूद होंगी तो देश में इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाओं का विस्तार नहीं किया जा सकता है।
बहुत से उद्यम समाधान प्रदाता उम्मीद कर रहे थे कि सरकार ‘निजी नेटवर्क’ को अपना नेटवर्क हासिल करने और अपना नेटवर्क दूरसंचार कंपनियों के साथ गठजोड़ पर निर्भरता के बिना चलाने की मंजूरी देगी। हालांकि दूरसंचार विभाग ने ट्राई के सुझाव को खारिज कर दिया है और नियामक ने मांग के बेहतर आकलन को कहा है। उन्होंने खुद को प्रशासिक कीमत पर स्पेक्ट्रम दिए जाने की भी मांग रखी है। यह विकल्प कुछ समय के लिए खत्म हो गया है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या उद्यम समाधान प्रदाता अपने ग्राहकों को सेवाएं देने के लिए 5जी स्पेक्ट्रम खरीदेंगे।