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सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए सौदों में तेजी

Last Updated- December 12, 2022 | 6:32 AM IST

सूचना प्रौद्योगिकी सेवा कंपनियां मजबूत सौदों के प्रवाह पर ध्यान दे रही हैं, वहीं इस उद्योग को कुशल कर्मियों की किल्लत से भी जूझना पड़ रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि इस उद्योग में नौकरी छोडऩे की दर स्तर 17 प्रतिशत पर पहुंच सकते हैं। टीमलीज डिजिटल में आईटी स्टाफिंग के उपाध्यक्ष एवं बिजनेस हेड शिव प्रसाद नंदूरी के अनुसार, डिजिटल कौशल में नौकरी छोडऩे की दर निकट भविष्य में 7-8 प्रतिशत पर पहुंच जाने, जबकि नियुक्ति का आंकड़ा 15-16 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
इस क्षेत्र पर नजर रखने वाले विश्लेषकों का कहना है कि जहां आईटी कंपनियां पुन:कौशल पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, वहीं री-इमेजिन बिजनेस प्रोसेस और डिजिटलीकरण की गति महामारी की वजह से बढ़ी है। इससे उपलब्ध कौशल और सौदा प्रवाह के बीच असमानता को बढ़ावा मिल रहा है। उद्योग के अधिकारियों के अनुसार, नौकरी छोडऩे की दर 17-20 प्रतिशत के कोविड-पूर्व स्तरों पर पहुंचने की संभावना है क्योंकि कर्मचारी नौकरियां बदल रहे हैं। शोध फर्म एवरेस्ट गु्रप के मुख्य कार्याािकारी पीटर बेंडोर-सैमुअल ने कहा, ‘मांग को लेकर दिलचस्प बदलाव डिस्क्रेशनरी खर्च में आ रही तेजी है जो डिजिटल और आधुनिकीकरण पर केंद्रित है। इसलिए हम डिजिटल कौशल के लिए अमेरिका, यूरोपीय संघ और हाल में भारत में मांग की किल्लत देख रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि यह किल्लत ताजा नियुक्तियों और कोविड के दौरान मौजूदा कर्मचारी प्रशिक्षण की वजह से ज्यादा गंभीर हुई है।
बेंडोर-सैमुअल ने कहा, ‘कंपनियां एक-दूसरे की प्रतिभा का इस्तेमाल कर और घरेलू अमेरिकी तथा ईयू नियुक्तियां बढ़ाकर इस समस्या को दूर करने की कोशिश कर रही हैं। जैसा कि हम भविष्य की ओर देख रहे हैं, यह स्पष्ट है कि ये किल्लत डिजिटल कौशल के अलावा अन्य  क्षेत्रों में भी बनी रहेंगी।’ आईटी सेवाओं के लिए तीसरी तिमाही के परिणाम से प्रतिफल में सुधार का संकेत मिला है और हाल में एक्सेंचर द्वारा घोषित आंकड़ों और कुल सौदों के प्रवाह को लेकर इस क्षेत्र पर प्रतिक्रिया से वित्त वर्ष 2022 में मजबूत वृद्घि का संकेत मिला है। कई कंपनियां जहां सभी वर्टिकलों में अच्छे सौदा प्रवाह से जुड़ी हुई हैं, वहीं उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया है कि कर्मचारियों को सम्मानित किया जाए।
भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी टीसीएस ने वित्त वर्ष 2022 के लिए वेतन में वृद्घि की है और यह 6 महीने में दूसरी वृद्घि है। कॉग्निजेंट ने अच्छे प्रदर्शकों को अपाने साथ जोड़े रखने के लिए स्पेशल बोनस  की घोषणा की है।
एक्सेंचर ने पिछले सप्ताह भी प्रबंधन निदेशक स्तर से नीचे के कर्मियों के लिए एक सप्ताह के वेतन के बराबर विशेष बोनस की घोषणा की। टीसीएस, इन्फोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और विप्रो सभी ने मजबूत सौदा प्रवाह दर्ज किया है जो डिजिटल से संबंधित है जिससे आगामी तिमाहियों में भी उनकी गति बरकरार रहने की संभावना है।
लेकिन इस मांग को पूरा करने के लिए सही तरह का कौशल होना किसी कंपनी के प्रदर्शन में महत्वपूर्ण कारक होगा।
नैसकॉम में वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं मुख्य रणनीति अधिकारी संगीत गुप्ता ने कहा, ‘वर्ष की दूसरी छमाही में नियुक्तियों में तेजी आई, लेकिन नियुक्तियों के संदर्भ में यह वर्ष धीमा रहा, और इस्तेमाल दर सर्वाधिक ऊंचे स्तरों पर रही। अब हर कंपनी मौजूदा परियोजनाओं तथा संभावित परियोजनाओं के लिए नियुकितयां करना चाहती है और इसलिए यह वर्ष कौशल, खासकर डिजिटल कौशल के लिए खास होगा।’

कोल इंडिया का घटेगा उत्पादन
कोयला खनन कंपनी कोल इंडिया के उत्पादन में चालू वित्त वर्ष 2020-21 में 50 से 60 लाख टन की मामूली गिरावट आ सकती है। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष में कोल इंडिया का उत्पादन 60 करोड़ टन से काफी नीचे रहेगा। वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी का कोयला उत्पादन 60.2 करोड़ टन रहा था। वहीं 2018-19 में कोल इंडिया ने 60.69 करोड़ टन का अपना सबसे ऊंचा उत्पादन दर्ज किया था। भाषा

First Published - March 28, 2021 | 11:53 PM IST

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