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सोशल ऑडियो में दिखती अपार संभावनाएं

Last Updated- December 12, 2022 | 2:38 AM IST

इस साल अप्रैल में पश्चिम बंगाल चुनाव से ठीक पहले एक चैट लीक हुई जिससे राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर सुर्खियों में आ गए। किशोर ने क्लबहाउस नाम के एक ऐप पर चर्चा के दौरान कहा था कि नरेंद्र मोदी राज्य में बेहद लोकप्रिय हैं। हालांकि उन्होंने बाद में कहा कि संदर्भ से काटकर बातचीत की रिकॉर्डिंग लीक की गई है। लेकिन वह इसके बाद सोशल मीडिया पर हुई हलचल रोक नहीं सके। यह बातचीत क्लबहाउस मंच पर आयोजित की गई थी जो आजकल सोशल मीडिया पर ट्विटर के ऑडियो मंच ‘स्पेसेज’ की तरह ही काफी सुर्खियों में है। इन्हें सोशल ऑडियो भी कहा जाता है। अब कई वैश्विक और स्थानीय ऐप इस नए सोशल मीडिया मंच में अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। 
केवल आईफोन पर चलने वाले ऐप क्लबहाउस को मार्च 2020 में कैलिफोर्निया में रहने वाले दो लोगों ने तैयार किया जिनमें से एक रोहन सेठ, गूगल के पूर्व इंजीनियर हैं और पॉल डेविडसन, एक उद्यमी हैं। हालांकि अब यह ऐप ऐंड्रॉयड स्मार्टफोन पर भी उपलब्ध है। इसके सह-संस्थापकों ने एक टेलीविजन चैनल को बताया कि केवल भारत में ही इसके 20 लाख से उपयोगकर्ता हैं। वैश्विक स्तर पर, मार्च 2021 तक यह तादाद साप्ताहिक आधार पर 1 करोड़ सक्रिय उपयोगकर्ताओं के दायरे में थी।

क्लबहाउस का जिक्र अक्सर विभिन्न विषयों पर लाइव पॉडकास्ट के रूप में भी किया जाता है। इन ‘बातचीत’ या पॉडकास्ट जहां आयोजित की जाती है उसे ‘रूम्स’ कहा जाता है। ये ऐसे क्लब भी हैं जहां एक ही विषय में दिलचस्पी रखने वाले उपयोगकर्ताओं का एक समूह होता है। मिसाल के तौर पर ‘इंडिया स्टार्टअप क्लब’ क्लब के लगभग 62,000 फॉलोअर हैं। यह एक फेसबुक पन्ने की तरह ही है। क्लब के भीतर, सदस्य विभिन्न विषयों पर रूम्स की मेजबानी कर सकते हैं। आप समान रुचियों वाले क्लब हाउस के उपयोगकर्ताओं को भी खोज सकते हैं या उनसे जुडऩे के लिए क्लबहाउस का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका निमंत्रण एक मौजूदा क्लब हाउस उपयोगकर्ता भेज सकते हैं। शुरुआत में एक उपयोगकर्ता के पास दो निमंत्रण होते हैं, जो उनके द्वारा ऐप का इस्तेमाल करते रहने के साथ-साथ बढ़ जाते हैं।
क्लब हाउस का आकर्षण बढऩे लगा है क्योंकि एलन मस्क और मार्क जुकरबर्ग जैसी मशहूर हस्तियों ने इस मंच का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। भारत में भी ऐसा ही हुआ जब नंदन नीलेकणि और विजय शेखर शर्मा ने किसी सत्र या रूम्स में बात की। किसी रूम में उपयोगकर्ताओं की तादाद अधिकतम 5,000 तक है लेकिन क्लबहाउस इसकी सीमा कम भी कर सकता है। स्वाभाविक रूप से इसके प्रतियोगियों में अब काफी होड़ है। पिछले साल नवंबर में, ट्विटर ने उपयोगकर्ताओं की एक सीमित संख्या के साथ स्पेसेज मंच की घोषणा की जिसे मई की शुरुआत में लॉन्च कर दिया गया। अप्रैल में, समाचार रिपोर्ट में यह खबर आई कि फेसबुक भी क्लबहाउस और ट्विटर के स्पेसेज की तर्ज पर छोटे ऑडियो पोस्ट, ध्वनि प्रभाव और ‘वॉयस मॉर्फिंग’ लाइव चैट रूम जैसे फीचर लाने की दिशा में काम कर रही है।

फेसबुक मई से सार्वजनिक रूप से मशहूर लोगों और क्रिएटर के साथ मई से ही ताइवान में ऑडियो रूम्स फीचर का परीक्षण कर रही है और पिछले दिनों कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने अमेरिका में लाइव ऑडियो रूम्स के अपने पहले सार्वजनिक परीक्षण की मेजबानी भी की। स्ट्रीमिंग सर्विस ‘स्पॉटिफाई’ ने पिछले हफ्ते आईओएस और ऐंड्रायड यूजर्स के लिए ग्रीनरूम भी लॉन्च किया था जिसमें किसी को भी बातचीत की मेजबानी करने के लिए ‘रूम्स’ शुरू करने की इजाजत थी। दिलचस्प बात यह है कि अन्य प्रमुख लाइव ऑडियो मंचों के विपरीत, ग्रीनरूम ऑडियो चैट को रिकॉर्ड करने और उपयोगकर्ताओं को मेल करने की अनुमति देगा। इसमें टेक्स्ट चैटिंग की भी अनुमति है।
क्षेत्रीय भाषा के सोशल नेटवर्क शेयरचैट ने भी एक लाइव ऑडियो प्रोडक्ट ‘चैटरूम्स’ बनाया है ताकि इसे तैयार करने वाले इसका वित्तीय लाभ भी ले सकें। इसे अप्रैल 2020 में शुरू किया गया था और इसका दावा है कि मंच पर मासिक आधार पर 1.2 अरब मिनट बार स्ट्रीमिंग किया गया। यह सूची बहुत ज्यादा नहीं है। लाइव ऑडियो स्पेस में उतरने की योजना बनाने वाले बड़े नामों में रेडिट और लिंक्डइन हैं। क्लबहाउस का स्थानीय प्रतिस्पद्र्धी ‘लहर’ भी है जिसे 2018 में रियल एस्टेट मंच कॉमनफ्लोर (बाद में इसे क्विकर को बेच दिया गया) के सह-संस्थापक विकास मालपाणी ने तैयार किया था और गूगल प्ले स्टोर पर एक लाख से अधिक बार इंस्टॉल किया गया। यह क्लबहाउस के विपरीत एक ऑडियो-वीडियो मंच है लेकिन यह एक वैश्विक सोशल नेटवर्क तैयार करने की उम्मीद पर काम करता है।

हाल में एक गैर लाभकारी अमेरिकी रेडियो नेटवर्क, सोशल ऑडियो एनपीआर के एक पोस्ट में कहा गया है कि फेसबुक और अन्य सोशल नेटवर्क के लिए एक अबूझ पहेली यह थी कि क्रिएटर्स के लिए ऐसा उपकरण बनाया जाए जो ऑडियो से अच्छा पैसा कमा सकें। इन सेवाओं में से अधिकांश अब भी मुफ्त हैं लेकिन क्रिएटर्स को पैसे बनाने में मदद कर रहे हैं।
मिसाल के तौर पर एक अमेरिकी ऑनलाइन अखबार टेकक्रंच के मुताबिक क्लबहाउस ने इस साल फरवरी में नए फंड जुटाए हैं जिससे लॉन्च के बाद से इसका मौजूदा मूल्यांकन 1 अरब डॉलर तक हो गया है। अप्रैल में, क्लब हाउस ने एक भुगतान सुविधा सक्रिय की जो लोगों को सीधे क्रिएटर्स को ही भुगतान करने का मौका देती है। ट्विटर ने लोकप्रिय अकाउंट के लिए मई में ‘टिप जार’ नाम के एक फीचर की शुरुआत की है।

एनपीआर ने कहा, ‘सोशल मीडिया कंपनियों को क्रिएटिव लोगों की वफादारी से काफी कुछ हासिल करना है। ऑडियो चैट लोगों को उनके ऐप पर काफी लंबे समय तक रख सकती है। कंपनियां आखिरकार अपने ऑडियो सितारों की कमाई से कुछ हिस्सा ले सकती हैं।’
पॉलिसी थिंक टैंक ‘द डायलॉग’ के संस्थापक काजिम रिजवी ने कहा, ‘ये स्थान उन लोगों के साथ नेटवर्किंग करने के लिए है जो लोकप्रिय सोशल मीडिया मंचों पर नहीं जाने जाते हैं। आप अपने लिए एक अलग नेटवर्क बना सकते हैं। दूसरी वजह यह है कि लोग अब ऑनलाइन जाकर विभिन्न राजनीतिक विचारों या विचारधाराओं के इतर जाकर भी बात कर पाते हैं।’

इनमें से अधिकांश मंच लाइव ऑडियो की अवधारणा पर काम करते हैंए और यहां घृणा वाले या विवादास्पद बातों पर अक्सर ऐतराज जताया जाता है। उदाहरण के तौर पर क्लबहाउस ऐप में रूम की रिकॉर्डिंग की अनुमति नहीं देता है। लेकिन प्रशांत किशोर जैसे लोगों ने अब यह महसूस कर लिया है कि ये निजी स्पेस नहीं है।
रिजवी का कहना है, ‘तकनीकी सुरक्षा उपायों के बावजूद, उपयोगकर्ताओं को सूचित किया जाना चाहिए कि क्लबहाउस कॉल पर कोई भी व्यक्ति मैन्युअल तरीके से रिकॉर्ड कर सकता है और ऑडियो को सार्वजनिक तौर पर साझा कर सकता है। इस मुद्दे पर जन जागरूकता बेहद महत्त्वपूर्ण है और क्लबहाउस को हर बार इसको लेकर एक अधिसूचना देने पर विचार करना चाहिए साथ ही एक उपयोगकर्ता के रूम में प्रवेश करने पर भी इसकी लेबलिंग की जानी चाहिए। ट्विटर का स्पेस भी सत्रों की रिकॉर्डिंग की अनुमति देने के लिए काम कर रहा है।’

यह भी दिलचस्प है कि कैसे इन सेवाओं का भारत में अलग तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है। एक ट्विटर यूजर ने हाल ही में एक क्लबहाउस रूम का स्क्रीनशॉट रखा जिसमें ‘सत्संग’ या आध्यात्मिक प्रवचन की मेजबानी की गई थी। चैटरूम के सबसे दिलचस्प इस्तेमालों में शेयरचैट ने सत्संग और अंत्याक्षरी को काफी दिलचस्प पाया और यहां तक कि आधी रात को सेलिब्रिटी का जन्मदिन भी मनाने में इस्तेमाल किया जा रहा है। ज्योतिष और रेडियो शो इन्हीं प्रारूपों में शामिल हैं और शेयरचैट जैसे सेगमेंट की का विस्तार जारी है।
सवाल यह है कि क्या यह रुझान महामारी से परे भी जारी रहेगा जब दुनिया भर में लॉकडाउन ने लोगों के सामाजिक जीवन में कटौती की है। कई उपयोगकर्ताओं को लगता है कि यह कम हो जाएगा वहीं कई अन्य लोगों को लगता है कि यह आदत आगे भी बनी रहेगी क्योंकि इसमें टाइप न करने जैसी स्वतंत्रता भी शामिल है।

First Published - July 17, 2021 | 2:27 AM IST

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