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सोशल मीडिया कंपनियों पर बढ़ी सख्ती

Last Updated- December 12, 2022 | 4:27 AM IST

देश के नए सोशल मीडिया नियमों के अनुपालन की समय सीमा मंगलवार को समाप्त हो गई लेकिन इस बात को लेकर कोई स्पष्टता नहीं आ पाई है कि भारत में इन कंपनियों का भविष्य क्या होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया मध्यवर्ती संस्थाओं की अर्हता रखने वाली कंपनियों को मौजूदा कानून के तहत मिलने वाला संरक्षण समाप्त हो सकता है।
सरकार की ओर से भविष्य के किसी कदम के बारे में जानकारी न दिए जाने के कारण कंपनियां भी अंधेरे में हैं कि उनके लिए क्या बदलाव आने वाले हैं। गत 25 फरवरी को प्रकाशित सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 के अनुसार एक महत्त्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यवर्ती को एक मुख्य अनुपालन अधिकारी, एक प्रमुख संपर्क व्यक्ति की नियुक्ति करनी है ताकि कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ हर समय समन्वय किया जा सके। एक स्थानीय शिकायत अधिकारी की नियुक्ति भी होनी है। इसके अलावा इन मध्यवर्तियों को किसी भी ऐसी दिक्कतदेह सामग्री को सबसे पहले प्रकाशित या प्रसारित करने वाले की पहचान में सक्षम होना होगा जो देश के हितों को नुकसान पहुंचाने में सक्षम हो। इसके अलावा भी कई नियमों की घोषणा की गई है।
परिभाषा के अनुसार 50 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं वाली कंपनी को महत्त्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यवर्ती माना गया। खबरों में कहा गया था कि 25 मई की समयसीमा बीतने के साथ ही इनका दर्जा समाप्त हो सकता है।
विधि सेवा फर्म इंडसलॉ की साझेदार श्रेया सूरी कहती हैं, ‘हां, सोशल मीडिया कंपनियां अगर 2021 में बने नए नियमों का अनुपालन नहीं करती हैं तो वे नियम 7 के तहत मध्यवर्ती का दर्जा गंवा सकती हैं। ऐसे में ये कंपनियां सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम,2000 की धारा 79(1) के तहत मिलने वाले संरक्षण का लाभ गंवा देंगी। इस लाभ के तहत इन मध्यवर्तियों को अपने मंच पर प्रसारित या प्रकाशित तीसरे पक्ष की किसी जानकारी, डेटा या संचार लिंक की जवाबदेही से निजात मिलती है।’

अनुपालन की स्थिति
फेसबुक के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी आईटी नियमों का अनुपालन करना चाहती है और वह कुछ विषयों पर चर्चा जारी रखे हुए है जिनमें सरकार के साथ और अधिक तालमेल जरूरी है। प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी परिचालन प्रक्रिया के क्रियान्वयन और क्षमता सुधार पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि फेसबुक अपने मंच पर लोगों की स्वतंत्र और सुरक्षित अभिव्यक्ति को लेकर प्रतिबद्ध है।
ट्विटर के भारतीय विकल्प कू ने कहा कि उसने सरकार की जरूरतों का अनुपालन किया है और नियम में उल्लिखित सभी अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है। कंपनी ने कहा कि उसके ऐप के 60 लाख डाउनलोड हो चुके हैं और वह महत्त्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यवर्ती बन चुकी है। कू के सीईओ और सह संस्थापक अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा, ‘भारतीय उत्पाद तैयार करने वाली कंपनी के रूप में हम उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और उनकी सहजता को प्राथमिकता देते हैं और इसका पूरा ध्यान रखते हैं। सरकार के नए नियमों का समय पर पालन करना यह दर्शाता है कि देश में भारतीय सोशल मीडिया मंच का विकास क्यों आवश्यक है।’

उद्योग जगत की मांग: बढ़े समय सीमा
कई महत्त्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यवर्तियों ने अपने औद्योगिक समूहों के जरिये सरकार के समक्ष प्रस्तुतियां दी हैं। अधिकांश समूहों ने सरकार से मांग की है कि 25 मई की समय सीमा को छह माह से एक वर्ष तक बढ़ाया जाए ताकि नए नियमों का अनुपालन हो सके।
कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं टेक्रॉलजी मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुति में कहा, ‘सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 ने मध्यवर्तियों के अनुपालन के लिए सर्वथा नए नियम पेश किए जो उनके रोजमर्रा के काम को प्रभावित करने के साथ-साथ व्यापक बदलाव की जरूरत पैदा करते हैं। इस बीच कोविड-19 महामारी भी सभी कंपनियों को एक समान प्रभावित कर रही है।’ फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने भी नियमों का अनुपालन कम से कम एक वर्ष टालने की अनुशंसा की है। इसी तरह यूएस इंडियन बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) ने भी मिलते जुलते सुझाव दिए हैं और कहा है कि कर्मचारियों की आपराधिक जवाबदेही जैसे नियम पर पुनर्विचार होना चाहिए। नए नियमों में कहा गया है कि अगर कोई मध्यवर्ती नए नियमों का अनुपालन कर पाने में नाकाम रहती है तो उसे भारतीय दंड संहिता समेत मौजूदा कानूनों के तहत दंडित किया जा सकता है।

First Published - May 25, 2021 | 11:18 PM IST

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