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सूचना प्रौद्योगिकी फर्मों को तीसरी तिमाही दमदार रहने की उम्मीद

Last Updated- December 11, 2022 | 10:25 PM IST

अपने प्रमुख बाजारों – अमेरिका और यूरोप में अवकाश की दिनों की वजह से भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के लिए अक्टूबर-दिसंबर (तीसरी) तिमाही का मौसम आम तौर पर कमजोर रहता है। लेकिन डिजिटल परिवर्तन के अधिक व्यय तथा गैर-जरूरी चीजों के ज्यादा खर्च के लिए विस्तृत मांग की वजह से वित्त वर्ष 22 की तीसरी तिमाही इसका एक अपवाद रहेगी।
हालांकि काम पर रखने की अधिक लागत, बढ़ता वेतन तथा और कम कामकाजी दिनों से मार्जिन पर असर पड़ सकता है, लेकिन कई विश्लेषकों का कहना है कि डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट से मदद मिल सकती है।

एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग के विकास आहूजा और आशीष अग्रवाल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है ‘हमें उम्मीद है कि ज्यादातर कंपनियां मुख्य रूप से परिचालन दक्षता, जोरदार राजस्व वृद्धि और रुपये में मूल्यह्रास की वजह से तीसरी तिमाही के दौरान मार्जिन में विस्तार दर्ज करेंगी। पिछली तिमाहियों में वेतन वृद्धि, निवेश और बड़े सौदे में तेजी के बावजूद मार्जिन लचीला रहा है। हमें तीसरी तिमाही में काम पर रखे जाने की अधिक लागत, अवकाश के दिनों और कामकाज के कम दिनों के असर के बावजूद मार्जिन में विस्तार की उम्मीद है। हम शीर्ष चार फर्मों के मार्जिन में 50 से 180 आधार अंकों के क्रमिक विस्तार का अनुमान लगा रहे हैं।’
राजस्व के प्रदर्शन के लिहाज से बाजार को मुख्य चार कंपनियों के राजस्व में 2.5 प्रतिशत से लेकर छह प्रतिशत तक का इजाफा होने की उम्मीद है। कोटक सिक्योरिटीज के कवलजीत सिंह और सतीश कुमार एस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हमें इस बात की उम्मीद है कि इन्फोसिस निर्देशन के दायरे को पहले के 16.5 से 17.5 प्रतिशत के स्तर से 17 से 17.5 प्रतिशत तक सीमित रखेगी। इस बात पर ध्यान दें कि इन्फोसिस ने साल की शुरुआत 12 से 14 प्रतिशत के राजस्व वृद्धि के निर्देशन के साथ की थी।

बड़ी कंपनियों में एचसीएल टेक्नोलॉजीज अपने उत्पादों और प्लेटफॉर्म कारोबार में वृद्धि देखेगी क्योंकि यह तिमाही उस क्षेत्र के लिए अच्छी है। बड़े सौदे कम होने से, जैसा कि एक्सेंचर के परिणामों में स्पष्ट था, और आउटसोर्सिंग राजस्व की तुलना में परामर्श राजस्व तेजी से बढऩे से बाजार की नजर फर्म के मांग परिदृश्य रहेगी।

First Published - January 4, 2022 | 11:27 PM IST

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