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5जी के लिए रिलायंस की नई रणनीति

Last Updated- December 11, 2022 | 5:55 PM IST

 
रिलायंस जियो ने 5जी दूरसंचार उपकरण खरीदने के लिए यूरोपीय दूरसंचार उपकरण निर्माता कंपनी एरिक्सन के साथ बातचीत शुरू कर दी है। इस तरह कंपनी ने वर्तमान 4जी भागीदार और कोरियाई दिग्गज सैमसंग के अलावा भी अपनी सूची में विस्तार किया है।

जानकार सूत्रों का कहना है कि एरिक्सन ने शुरुआत में दिल्ली में 5जी परीक्षण करने के लिए रिलायंस जियो के साथ करार किया था लेकिन परीक्षण हो नहीं सका। कुछ हफ्ते पहले ही तेजी से कदम उठाते हुए इसने सरकार से परीक्षण का स्थान दिल्ली से बदलकर मुंबई करने की इजाजत मांगी, जिसे मान भी लिया गया। उन्होंने कहा कि एरिक्सन के साथ जल्द परीक्षण शुरू करने की पूरी तैयारी है क्योंकि अनुमति की समयसीमा 26 जुलाई को समाप्त हो जाएगी, जो 5जी नीलामी की शुरुआत का दिन है।  दोनों ने जामनगर में भी तुरंत परीक्षण करने का मन बनाया था, जिसकी मंजूरी अभी मिली नहीं है।

हालांकि रिलायंस जियो पहले ही मुंबई और जामनगर में 5जी उपकरणों और स्वदेशी 5जी तकनीक का परीक्षण कर चुकी है। साथ ही उसने मुंबई में सैमसंग के साथ भी परीक्षण किए हैं। माना जा रहा है कि उसने नोकिया के साथ भी बातचीत शुरू की है मगर किसी तरह के परीक्षण की बात नहीं है।

नीलामी से कुछ हफ्ते पहले ही परीक्षण करने की जियो की रणनीति को लोग उसकी 4जी रणनीति से बिल्कुल अलग मान रहे हैं। उस समय कंपनी ने पूरे नेटवर्क के निर्माण के लिए मुख्य रूप से सैमसंग के साथ करार किया था। कई लोगों को उम्मीद थी कि यह 5जी के लिए भी यही तरीका अपनाएगी।

एरिक्सन के प्रवक्ता ने कहा कि वे 5जी वार्ता पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। नोकिया इंडिया ने भी कोई बयान नहीं दिया और रिलायंस जियो ने भी इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। नोकिया के अधिकारियों ने पहले कहा था कि 5जी परीक्षण की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि उनके उत्पाद पहले से ही दुनिया भर में कई 5जी नेटवर्क में काम कर रहे हैं।

हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि आकाश अंबानी के नए नेतृत्व में रिलायंस किस रणनीति का पालन करेगी और सैमसंग के अलावा क्या एरिक्सन या नोकिया या दोनों कंपनियां जियो की आवश्यकता पूरा करेंगी?  या कंपनी फिर से किसी प्रमुख दूरसंचार उपकरण निर्माता कंपनी के पास जाएगी।

यह फैसला इस वजह से भी अधिक दिलचस्प है कि रिलायंस ने यह तकनीक खुद ही तैयार की है जिसमें  जिसमें प्रमुख 5 जी कोर के साथ-साथ अन्य प्रमुख सॉफ्टवेयर समाधानों के अलावा रेडियो भी शामिल हैं और वह इसे वैश्विक विक्रेताओं से मिले उपकरणों के साथ जोड़ना चाहती है।
अन्य दूरसंचार कंपनियों के विपरीत रिलायंस भी अधिक उन्नत 5जी नेटवर्क पेश करने की योजना बना रहा है। इसमें कोर और ही रेडियो दोनों 5 जी द्वारा संचालित होते हैं।  हालांकि इसके प्रतिस्पर्धी नेटवर्क के 4जी कोर का इस्तेमाल करके 5जी शुरू करेंगे। विश्लेषकों का कहना है कि चिप की कमी ने ऐसे समय में दूरसंचार उपकरण विनिर्माण पर भी असर डाला है, जबकि इस वक्त 5जी नेटवर्क की शुरुआत करने के लिए दुनिया में भारी मांग है।

First Published - July 1, 2022 | 12:20 AM IST

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