दुनिया में पहली बार अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए एक ही चार्जर के नियम को पास कर दिया गया है। यूरोपियन पार्लियामेंट ने सिंगल चार्जर पोर्ट को लेकर नए नियम को मंजूरी दे दी है। इस नियम के बाद से यूरोपियन यूनियन में मोबाइल फोन, टैबलेट और कैमरा, स्मार्टवॉच जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए सिंगल चार्जर पोर्ट होगा।
हर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए अलग से चार्जर नहीं लेना होगा। नए नियम को 2024 के अंत तक लागू कर दिया जाएगा। बता दें कि भारत में भी अलग-अलग डिवाइस के लिए सिंगल चार्जर लाने की योजना पर चर्चा चल रही है।
नए नियम आने के बाद हर कंपनी को हर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए एक जैसा ही चार्जिंग पोर्ट बनाना होगा। ऐसा माना जा रहा है कि इस नियम के लागू होने के बाद से सबसे ज्यादा दिक्कत एप्पल को हो सकती है। क्योंकि क्योंकि सिंगल चार्जर पोर्ट USB-C होगा। जो कि एंड्रॉयड बेस्ड डिवाइस के लिए ही ज्यादा उपयोगी है। ऐसे में एप्पल को अपने सभी फोन और अन्य डिवाइस के चार्जिंग पोर्ट को बदलना होगा।
नए नियम के लागू होने से से पर्यावरण को लेकर भी काफी सुधार होगा। क्योंकि इससे ई-वेस्ट कम होगा। आंकड़ों की बात करें तो सिर्फ यूरोपियन यूनियन में सालाना करीब 11000 टन ई-वेस्ट फेंका जाता है।
भारत में भी सिंगर चार्जर पोर्ट को लेकर बातचीत जारी है। इसके चलते सभी इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप, इयर फोन, स्पीकर, स्मार्ट वॉच आदि के लिए सिंगल चार्जर होगा। इस नियम को लागू करने के लिए सरकार इंडस्ट्री, प्रोडक्शन और एसोसिएशन के लोगों के साथ चर्चा भी कर रही है।