हैदराबाद की निर्माण कंपनी आईवीआरसीएल इन्फ्रास्ट्रक्चर ऐंड प्रोजेक्ट्स लिमिटेड नोएडा में अपनी कीमती जमीन बेचने की योजना बना रही है।
इससे मिलने वाले धन से कंपनी देश में रियल एस्टेट में मौजूदा मंदी को ध्यान में रख कर सस्ती जमीन खरीदेगी। इस बेशकीमती भूमि में 25 एकड़ में फैला एक अत्याधुनिक विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) भी शामिल है।
4200 करोड़ रुपये की पूंजी वाली इस कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ई. सुधीर रेड्डी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘रियल एस्टेट में मौजूदा संकट को देखते हुए हमारी प्राथमिकता अधिक कीमत वाली जमीन को बेचना और सस्ती कीमत वाली जमीन खरीदना है। हम खासकर उपगनरों में कम लागत वाली आवासीय परियोजनाओं पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे।’
फिलहाल नोएडा में आईवीआरसीएल के पास 120 एकड़ जमीन, बेंगलुरु में 1000 एकड़, पुणे में 400 एकड़ और पनवल और हैदराबाद, नागपुर एवं विशाखापटनम में 200 एकड़ जमीन है। इन भूखंडों की बाजार कीमत अनुमानित रूप से 4,000 करोड़ रुपये है। कंपनी मुनाफा कमाने के लिए अपनी कुछ जमीन बेच कर मिलने वाली राशि से सस्ती जमीन खरीदना चाहती है। आईवीआरसीएल को डेढ़ साल पहले दिल्ली के पास नोएडा में 120 एकड़ भूमि आवंटित की गई थी। इस भूमि में 25 एकड़ भूमि आईटी एसईजेड के निर्माण के लिए शामिल थी। यह भूमि 7.5 करोड़ रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से खरीदी गई थी। शेष 95 एकड़ भूमि 12 करोड़ रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मिली थी।
रेड्डी ने कहा, ‘निर्माण लागत 2000 रुपये प्रति वर्ग फुट होगी। मैं खरीदार के लिए इसे उसी कीमत पर यह निर्मित क्षेत्र स्थानांतरित करूंगा। वैसे मुझे इस भूमि की लागत पर मुनाफा होगा।’ रेड्डी के मुताबिक कंपनी ने एसईजेड के लिए भूमि तकरीबन 17,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से खरीदी थी। अब इस भूमि की कीमत 25,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर निर्धारित की गई है। बढ़ती ब्याज दरों और उत्पादन लागत को ध्यान में रख कर कंपनी ने सस्ती आवासीय परियोजना का फैसला लिया है। उन्होंने कहा, ‘फिलहाल हम विभिन्न शहरों में 90 लाख वर्ग फुट के भूखंड पर कम लागत वाले घरों का निर्माण कर रहे हैं।
ये भूखंड विभिन्न शहरों में 3000 एकड़ के इलाके में फैले हुए हैं। हम इसके लिए अधिकतम राशि 2200 रुपये प्रति वर्ग फुट वसूल रहे हैं।’ रेड्डी के मुताबिक आईवीआरसीएल देश के विभिन्न हिस्सों में सीमेंट संयंत्रों की स्थापना के लिए तकरीबन 10 निर्माण कंपनियों में निवेश की भी योजना बना रही है। कंपनी प्रत्येक कंपनी ने तकरीबन 25 करोड़ रुपये लगाने के लिए 250 करोड़ रुपये विभिन्न बैंकों और निजी इक्विटी फर्म्स के जरिये जुटाएगी। देश के 6 क्षेत्रों में 6 सीमेंट संयंत्रों की स्थापना पर कंपनी यह राशि खर्च करेगी।
रेड्डी ने कहा, ‘मैंने कुछ निजी इक्विटी कंपनियों से बातचीत की है और वे इस प्रस्तावित परियोजना में निवेश के लिए इच्छुक हैं। कई बैंकों ने भी इस परियोजना में वित्तीय मदद मुहैया कराने में दिलचस्पी दिखाई है।’