कारों के इतिहास के सबसे बड़े सौदे को अंजाम देने के साथ ही टाटा मोटर्स के काफिले में कई नायाब और आलीशान कारें जुड़ गई हैं। जगुआर-लैंड रोवर की उन कारों पर एक नजर, जिन पर दुनिया मरती है-
एलआरएक्स कॉन्सेप्ट
आने वाले दिनों में लैंड रोवर्सरेंज रोवर्स की गाड़ियां, तीन दरवाजों वाली इस चमचमाती खूबसूरत कार की तरह हो सकती हैं। इस कार को जनवरी में डेट्रॉयट-एट मोटर्स शो में प्रदर्शित किया गया था। इस कार की विशेषता यह है कि यह आधुनिक तकनीकों से युक्त तो है ही, साथ ही इसमें पुरानी गाड़ियों की झलक भी आसानी से देखने को मिल सकती है। एलआरएक्स नाम की यह कार साइज में फ्रीलैंडर से थोड़ी छोटी है।
पर एक बात जो टाटा के लिए सबसे अधिक मायने रखती है वह है इस कार का 2000 सीसी का शक्तिशाली टर्बोडीजल हाइब्रिड इंजन। यानी इस कार को बायो डीजल से भी चलाया जा सकता है। इस कार की एक और खासियत है इंटीग्रेटेड इलेक्ट्रिक रियर एक्सेल ड्राइव। मतलब कि रास्ते चाहें कैसे भी हों कम स्पीड पर भी यह एलएक्सआर कार स्मूथ ड्राइव देने के लिए तैयार होती है और जब भी जरूरत हो इंजन खुद को ज्यादा शक्ति के साथ तैयार कर लेती है। प्रेमियों के ना नुकुर करने की कोई गुंजाइश न रह जाए।
जगुआर एक्सएफ
जगुआर कंपनी की झोली में सबसे नई कार एक्सएफ है जिसे लोकप्रिय एस-टाइप की जगह बाजार में उतारा गया है। कार को बाजार में कदम रखने के साथ ही मर्सीडीज बेंज ई-क्लास, बीएमडब्लू 5 सीरीज और ऑडी ए 6 से कड़ी टक्कर देखने को मिली है। सवाल यह उठता है कि क्या इस कार में इतना दम है कि वह इन नामी कंपनियों की कारों के मुकाबले खड़ी हो पाएगी? अगर कार के फीचर्स पर नजर डालें तो जवाब एक ही होगा, क्यों नहीं।
यह कार देखने में तो शानदार है ही, पर फोर्ड ने इसकी तकनीक और विकास पर जितना खर्चा किया है उसका भी कोई मुकाबला नहीं है। इस कार का सबसे प्रमुख फीचर उच्च तकनीक वाली सीक्वेंशियल 6 स्पीड शिफ्ट बाई वायर गियर बॉक्स है। साथ ही इस कार में शक्तिशाली 2700 सीसी टि्वन टर्बो वी 6 डीजल और 3000 सीसी वी 6 पेट्रोल इंजन भी लगा हुआ है। एफएक्स को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में जगुआर की कारों की शक्लो सूरत कैसी होगी और उनमें किस तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
डिस्कवरी 3
डिस्कवरी के तीसरे मॉडल को लैंड रोवर ने 2004 में डिस्कवरी 3 के नाम से उतारा। इस कार में पेट्रोल वी 8, वी 6 डीजल के साथ 4000 सीसी का वी6 पेट्रोल इंजन भी लगा हुआ है। इस कार की सबसे बड़ी विशेषता है कि एसयूवी होने के नाते यह टफ लुक तो देती ही है साथ ही सामान्य कारों की तरह इसमें नजाकत भी मौजूद है। इसे चलाना अपने आप में एक खुशनुमा एहसास है।
जगुआर एक्सके
एक्सके दूसरी स्पोट्र्स कार से थोड़ी हटकर है। इस कार की पिक अप शानदार है और इसे चलाने में जितना आराम मिलता है उसे इस कार के ड्राइवर से ही पूछा जा सकता है। एक्सके आज की डिजायन संबंधी जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार की गई?है और इसका लुक भी खासा आकर्षित करने वाला है। यह कार कूप और कनवर्टिबल दोनों फॉर्मेट में उपलब्ध है। इस कार को 2006 में बाजार में उतारा गया था और इसमें 300 बीएचपी 4200 सीसी का शक्तिशाली इंजन लगा है।
जगुआर एक्स-टाइप
जगुआर ने छोटी और इंट्री लेवल की इस कार को बाजार में पेश कर ग्राहकों के एक नए वर्ग को खींचने का काम किया है। 200 में उतारी गई एक्स-टाइप की कीमत भी अपेक्षाकृत कम है। बनावट का जिक्र करें तो यह कार कुछ ऐसी ही लगती है जैसे एक्स जे को चपटा कर दिया गया हो। इस लिहाज से यह कार किसी मौलिक डिजाइन वाली नहीं लगती है।
जगुआर एक्सजे
पांच साल पहले पेश की गई इस कार को और चार साल तक सड़कों पर दौड़ाने की गुंजाइश है। उसके बाद उम्मीद है कि इस कार को किसी दूसरे मॉडल से बदला जाएगा। 2003 में इस कार को जब बाजार में उतारा गया था डिजाइन के मामले में इसने कुछ नया कर दिखाया हो, ऐसा नहीं लगा था। उच्च तकनीक का इस्तेमाल करने और इस कार की एल्युमिनियम बॉडी ने जरूर सबका ध्यान खींचा था। हालांकि यह अलग बात है कि इन विशेषताओं के बाद भी एक्सजे जर्मनी की प्रतिद्वंद्वी कार एस क्लास मर्सिडीज, 7 सीरीज बीएमडब्लू और ऑडी ए 8 को टक्कर नहीं दे पाई थी।
रेंज रोवर
लैंड रोवर में सबसे महत्वपूर्ण गाड़ी का दर्जा अगर किसी कार को दिया जा सकता है तो वह यही है। इसकी कीमत जेब पर कुछ भारी तो पड़ सकती है पर इसे चलाने में जो मजा आता है उसके बाद आप इसकी कीमत भूल जाएंगे। रेंज रोवर को 2005 में एसयूवी सेक्टर में सिलेब्रिटीज के आकर्षण को देखते हुए उतारा गया था। जगुआर की तरह ही इस कार में भी वी8 पेट्रोल इंजन लग हुआ है। साथ ही इसके वी6 बायोडीजल इंजन का जिक्र करना भी जरूरी है। रास्ते चाहे जितने भी मुश्किल हों पर इस कार को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ड्राइवर की पकड़ इस पर बनी रहती है।
डिफेंडर
नाम से भले ही लगता हो कि यह कार खुद का बचाव कर रही हो, पर वास्तविकता तो यह है कि यह लैंड रोवर का मौलिक संस्करण है। इस कार को 1948 में उतारा गया था और तब से लेकर अब तक इसे बाजार से वापस खींचा नहीं गया है। हालांकि, तब से अब तक समय समय पर यूजर फ्रेंडली बनाने के लिए इसमें परिवर्तन जरूर किया गया है। पर इसके बुनियादी ढांचे से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। डिफेंडर में 120 बीएचपी 2400 सीसी का फोर सिलेंडर टर्बोडीजल इंजन लगा हुआ है।
फ्रीलैंडर
एसयूवी होने के बाद भी इस गाड़ी को काफी रफ एेंड टफ नहीं कहा जा सकता है। फ्रीलैंडर के दूसरे संस्करण को 2006 में लाया गया था। इस कार में 320 सीसी के इनलाइन-सिक्स पेट्रोल और 2200 फोर सिलेंडर टर्बोडीजल इंजन का इस्तेमाल किया गया है।