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जेट एयरवेज का घाटा हो सकता है दोगुना

Last Updated- December 07, 2022 | 5:00 AM IST

देश की सबसे बड़ी घरेलू विमानन कंपनी जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड और उसकी स्थानीय प्रतिद्वंदी कंपनी का नुकसान इस साल मिलाकर 6 हजार करोड़ रुपये हो सकता है।


उद्योग सलाहकारों का कहना है कि कंपनियों को हुआ यह नुकसान पिछले साल के मुकाबले दोगुना है, जिसका एक कारण विमान ईंधन की कीमतों में हुई बढ़ोतरी है।

एशिया प्रशांत विमानन केन्द्र की स्थानीय इकाई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कपिल कॉल ने एक साक्षातकार में कहा कि एयरलाइंस अपने रूटों को कम कर सकती हैं और 1 अप्रैल से शुरू हो चुके साल में वे कम से कम 30 हवाई जहाजों को पेश करने में देरी कर सकती हैं।

उन्होंने कहा कि इसकी वजह पिछले साल के 2800 करोड़ रुपये का मिला-जुला नुकसान है। इंटरनैशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अनुसार विमानन कंपनियों को वैश्विक स्तर पर लगभग 24,400 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है जो 2003 से अब तक का सबसे बड़ा नुकसान है। इस नुकसान के पीछे ईंधन की बढ़ती कीमतें एक वजह हैं।

देश की सबसे बड़ी तेल रिफायनरी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के कीमतों में इजाफा करने के बाद ईंधन की कीमतों में वृध्दि हुई थी। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार कीमतों में वृध्दि के बाद अब मुंबई में विमान ईंधन 71,759 रुपये प्रति किलोमीटर पड़ता है, जबकि जनवरी में यही 47,045 रुपये था।

डेक्कन एविएशन लिमिटेड के मुख्य वित्त अधिकारी रमकी सुंदरम का कहना है, ‘यह इसलिए क्योंकि भारत में विमानन कंपनी चलाना महंगा पड़ता है।’ मुंबई में एक सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा, ‘तेल की बढ़ती कीमतों ने विकास पर सवाल खड़ा कर दिया है।’ पिछले पांच सालों में कम से कम 7 विमानन कंपनियों ने भारत में विस्तार के लिए इकोनॉमी सेवाएं देना शुरू कर दिया है, तो अधिक से अधिक लोग रेल को छोड़ कर लंबी दूरी के लिए हवाई यात्रा करें।

अर्नेस् ऐंड यंग एलएलपी का कहना है कि एक प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृध्दि को एयर ट्रैफिक में 2 प्रतिशत का इजाफा करना चाहिए। देश के नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार मार्च 2007 को समाप्त हुए वर्ष में भारत के यात्रियों की संख्या 18 प्रतिशत वृध्दि के साथ 8.68 करोड़ हो चुकी है।

वित्त वर्ष 2008 की तीसरी तिमाही में जेट एयरवेज को नुकसान हुआ था। विमानन कंपनी का चौथी तिमाही के नतीजे आना अभी बाकी है। सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया की स्वामी कंपनी नैशनल एविशन कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड ने अपने तिमाही के नतीजे घोषित नहीं किए हैं।

कौल का कहना है, ‘तीनो बड़ी एयरलाइंस नुकसान ही दर्ज करेंगी।’ उन्होंने कहा, ‘एयर इंडिया के नुकसान हैरान कर सकते हैं।’ जेट एयरवेज और जेटलाइट लिमिटेड संयुक्त और एयर इंडिया, एयर इंडिया और डेक्कन एविएशन और किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड मिलकर भारत की तीन बड़ी विमानन कंपनियां हैं।

First Published - June 11, 2008 | 12:03 AM IST

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