देश की सबसे बड़ी निजी विमानन कंपनी जेट एयरवेज को मध्य पूर्व के सर्वाधिक विश्वस्त बाजारों दुबई और जेद्दा के लिए उड़ानों की अनुमति जल्द मिल सकती है।
अधिकारियों के मुताबिक एयरलाइन को इन रूटों के लिए इस महीने भारत सरकार से अनुमति मिलने की संभावना है। दोनों देशों के साथ भारत के संबंधों में पिछले कुछ महीनों में आई गर्माहट के बाद कंपनी को वहां अपनी उड़ानों के लिए यह अनुमति मिलने की उम्मीद जगी है।
जहां दुबई के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों में प्रगाढ़ता आने से अप्रैल में प्रति सप्ताह सीटों की संख्या 8,000 से बढ़ा कर 39,200 तक हो गई वहीं सऊदी अरब के साथ समझौते के तहत जनवरी, 2008 में सीटों की संख्या 11,500 से बढ़ा कर 20,000 प्रति सप्ताह की गई।
यदि कंपनी को इन बाजारों के लिए उड़ानों की अनुमति मिल जाती है तो यह तेल, निर्माण और इन बाजारों से संबद्ध अन्य व्यवसायों से जुड़े लोगों के लिए एक बड़ी पहल होगी। जहां जेद्दा एक प्रमुख धार्मिक बाजार है वहीं दुबई श्रम, पर्यटन और तेजी से उभरते ट्रेवल बाजार जैसे खंडों के लिए विस्तृत बाजार है। एक वर्ष पहले तक पश्चिम एशियाई रूटों से होने वाला लाभ काफी अधिक था।
लेकिन अब इन रूटों से प्राप्त होने वाले लाभ में कमी आई है। यह घरेलू क्षेत्र की तुलना में महज 10-15 प्रतिशत अधिक है। एक एयरलाइन के विश्लेषक ने बताया, ‘इन रूटों पर क्षमता में विस्तार किए जाने से लाभ सामान्य रहने की संभावना है इन पर क्षमता में विस्तार किया गया है। यह कारोबार में लाभ की दृष्टि से अनुकूल है।’
उन्होंने कहा कि श्रम बाजार सामयिक नहीं है। उदाहरण के लिए मुंबई और दुबई के बीच यात्रियों का आवागन मुंबई और सिंगापुर की तुलना में अनुमानित रूप से 5-6 गुना अधिक है। कई खाड़ी और भारतीय एयरलाइनें कोच्चि, तिरूवनंतपुरम, कालीकट और मंगलौर से उड़ान भरती हैं और अन्य ठिकानों से इन शहरों के लिए अपनी उड़ानें संचालित करती हैं।