जिंदल स्टील ऐंड पावर (जेएसपीएल)भारत के पूर्वी राज्य उड़ीसा में एक ताप विद्युत संयंत्र स्थापित करने जा रही है। कंपनी इस संयंत्र पर 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
जेएसपीएल के निदेशक सुशील मारू ने बताया कि कंपनी ने उड़ीसा में अपने 60 लाख टन के प्रस्तावित इस्पात संयंत्र के लिए ईंधन की व्यवस्था करने के लिए 1,080 मेगावाट (एमटी) के कोयला आधारित कैप्टिव विद्युत संयंत्र की स्थापना करने की योजना बनाई है।
4000 करोड़ रुपये से अधिक की पूंजी में से तकरीबन 70-80 फीसदी हिस्सा इक्विटी ऋण के जरिये जुटाया जाएगा। कंपनी इसके लिए कई बैंकों से पहले ही बातचीत कर चुकी है। परियोजना को 13,500 करोड़ रुपये के इस्पात संयंत्र के पहले चरण के साथ फरवरी 2011 तक शुरू होगा।
मारू ने कहा, ‘फिलहाल हम 330 मेगावाट की क्षमता के साथ अपने इस्पात संयंत्रों को चला रहे हैं। निकट भविष्य में हम छत्तीसगढ़ में आगामी इस्पात संयंत्र के लिए 550 मेगावाट क्षमता और उड़ीसा में कैप्टिव विद्युत संयंत्र के लिए 1080 मेगावाट की क्षमता स्थापित कर लेंगे।
विद्युत संयंत्र में 135 मेगावाट क्षमता की 8 इकाइयां शामिल होंगी। पहली इकाई को 2009 तक शुरू किया जाना है। 135 मेगावाट क्षमता की इकाइयों के लिए चीन की शंघाई इलेक्ट्रिक कंपनी के साथ मिलकर ऑर्डर जारी किए जा चुके हैं। 135 मेगावाट क्षमता की 6 इकाइयों और 300 मेगावाट की 2 इकाइयों के साथ इस परियोजना की क्षमता बढ़ा कर 1410 मेगावाट की जा सकती है।
भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया जारी है और पर्यावरण मंत्रालय ने इस विद्युत परियोजना को मंजूरी दे दी है। कुछ सप्ताह पहले जेएसपीएल ने 40 लाख टन इस्पात क्षमता के लिए लंबे समय तक कोयला की आपूर्ति किए जाने के लिए एक पत्र लिखा था। सरकारी सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय उत्कल में कोयला ब्लॉकों को नियत कर 20 लाख टन इस्पात क्षमता के लिए पहले ही कोयला की आपूर्ति मुहैया करा चुका है।
जेएसपीएल झारखंड के हजारीबाग जिले में पतरातू में प्रति वर्ष 60 लाख टन की क्षमता वाले इस्पात संयंत्र और कैप्टिव विद्युत संयंत्र की स्थापना की भी योजना बना रहा है। जेएसपीएल की सहयोगी जिंदल पावर लिमिटेड भी छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में तमनार गांव के पास 1000 मेगावाट क्षमता वाला ओ. पी. जिंदल सुपर थर्मल पावर प्लांट लगा रही है।