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जेएसडब्ल्यू स्टील खटखटाएगी निर्यात ऋण एजेंसियों के दरवाजे

Last Updated- December 07, 2022 | 5:00 AM IST

देश की तीसरी सबसे बड़ी इस्पात उत्पादक कंपनी जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड ने अपनी 132 अरब रुपये की विस्तार योजना के लिए कोष की व्यवस्था के लिए अब निर्यात ऋण देने वाली एजेंसियों से ऋण लेने की योजना बनाई है।


उधार मांगने पर बैंकों की ओर से आनाकानी होने पर कंपनी ने निर्यात ऋण एजेंसियों की ओर रुख किया है। जेएसडब्ल्यू के वित्तीय निदेशक सेशागिरि राव ने कहा, ‘डॉलर न होने की वजह से बड़े ऋणों पर नकदी प्रीमियम बहुत अधिक है। इसीलिए हम निर्यात ऋण देने वाली एजेंसियों की मदद लेने के बारे में सोच रहे हैं।’

2007 में शुरू हुए अमेरिकी सबप्राइम संकट और बढ़ती उधारी के कारण बैंकों और ब्रोकरेज फर्मों ने प्रतिभूतियों पर तकरीबन 15,600 अरब रुपये की कमी दर्ज की। मुंबई में सेंट्रम ब्रोकिंग प्राइवेट के विश्लेषक नीरज शाह का कहना है, ‘निर्यात ऋण एजेंसियों से उधार लिए जाने से जेएसडब्ल्यू को निश्चित तौर पर मदद मिलेगी। लागत घटाने की प्रत्येक कोशिश से कंपनी को अपना मार्जिन सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी जो कच्चे पदार्थों पर बढ़ते खर्च के कारण दबाव महसूस कर रहा है।’

खर्च योजना

जेएसडब्ल्यू स्टील ने देश में कारों, घरों और घरेलू सामानों की तेजी से बढ़ रही मांग को ध्यान में रख कर 2010 तक अपनी क्षमता तकरीबन दोगुनी कर 1.1 करोड़ मीट्रिक टन पर पहुंचाने के लिए 140 अरब रुपये खर्च करने की योजना बनाई है।

राव ने कहा है कि कंपनी 60 अरब रुपये की अपनी नगदी का इस्तेमाल करेगी और बाकी राशि की व्यवस्था करने के लिए कर्ज लेने की योजना है। कंपनी ने मई में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले ऋणदाताओं के समूह से 10 वर्षों के लिए 31.5 अरब रुपये जुटाए थे। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष जेएसडब्ल्यू ने 7.5 प्रतिशत की दर से 1300 करोड़ रुपये उधार लिए और लंदन इंटरबैंक की ओर से पेश दर से अधिक 140 बेसिस प्वाइंट के हिसाब से भुगतान किया।

राव ने कहा, ‘ब्याज दरों को लेकर पूर्वाग्रह बना हुआ है। घरेलू बैंकों की नकदी स्थिति सुदृढ़ है और भारतीय रिजर्व बैंक मुद्रा नीति को सख्त बना सकती है।’ उन्होंने कहा कि जर्मनी जैसे देशों में निर्यात ऋण देने वाली एजेंसियों से कर्ज बड़े कर्ज की तुलना में 2 फीसदी कम हो सकता है। सरकार-शासित ऋण आयातित मशीनरी की कीमत के 85 फीसदी तक के लिए उपलब्ध होंगे।

First Published - June 11, 2008 | 12:19 AM IST

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