मोटरसाइकिल के टि्वन स्पार्क प्लग विवाद में टीवीएस मोटर को पछाड़ने के बाद बजाज ऑटो ने अब रॉयल एनफील्ड पर निशाना साध दिया है।
कंपनी प्रीमियम बाइक बनाने वाली इस कंपनी के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रही है। बजाज ऑटो के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज ने कंपनी की पहली सालाना आम बैठक में शेयरधारकों को बताया कि सिद्धार्थ लाल की कंपनी रॉयल एनफील्ड ने अपने नए मॉडल में शायद इस इंजन के पेटेंट का उल्लंघन किया है।
इस इंजन की तकनीक का पेटेंट बजाज ऑटो के पास है। कंपनी का मानना है कि एनफील्ड की थंडरबर्ड टि्वनस्पार्क 350 में इसका इस्तेमाल किया गया है। बजाज ने कहा, ‘हम इस बात की पड़ताल कर रहे हैं कि रॉयल एनफील्ड के नए मॉडल में डबल स्पार्क प्लग से हमारे बौद्धिक संपदा के अधिकार यानी पेटेंट का उल्लंघन तो नहीं हुआ है।’
लेकिन चेन्नई में एनफील्ड की बाइक के लॉन्च के मौके पर कंपनी के प्रबंध निदेशक सिद्धार्थ लाल ने कहा था कि थंडरबर्ड में किसी भी पेटेंट का उल्लंघन नहीं किया गया है। उनके मुताबिक यह कोई विशिष्ट तकनीक नहीं है और दशकों से इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। उनका कहना है कि एनफील्ड ने नई बाइक के लिए इंजन विकसित करने पर लगभग 25 करोड़ रुपये खर्च किए हैं और इस पर 1990 के दशक में ही काम शुरू कर दिया गया था।
बजाज ऑटो ने भी टि्वन स्पार्क प्लग वाला इंजन बनाया है, जिसे उसने डीटीएसआई का नाम दिया है। स्वदेशी तकनीक से बना यह इंजन सबसे पहले पल्सर शृंखला की मोटरसाइकिलों में इस्तेमाल किया गया था। बाद में कंपनी ने इस तकनीक का पेटेंट भी करा लिया। इस इंजन की वजह से बजाज ऑटो टीवीएस मोटर्स को भी अदालत में खींच ले गई थी। टीवीएस मोटर्स ने इसी तकनीक वाले इंजन का इस्तेमाल करते हुए फ्लेम नाम की बाइक उतारी थी।
चेन्नई की एक अदालत ने इस मामले में टीवीएस के खिलाफ फैसला दिया था, जिसके बाद कंपनी को मजबूर होकर फ्लेम में तब्दीली करनी पड़ी और सिंगल स्पार्क प्लग वाली बाइक उतारनी पड़ी। हालांकि अभी इस मामले में अंतिम फैसला नहीं आया है और दोनों कंपनियों का कानूनी झगड़ा चल रहा है। इस बारे में बजाज ने बैठक में कहा, ‘तमाम फैसले आए हैं और कई याचिकाएं भी दायर की गई हैं। अभी सब कुछ अदालत में है और हमें उम्मीद है कि फैसला सकारात्मक ही होगा।’