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मार्जिन दबाव की मार, आईटी कंपनियों में इंटर्न की बयार

Last Updated- December 07, 2022 | 7:40 AM IST

अमेरिकी मंदी और बढ़ते मार्जिन दबाव के कारण कई आईटी-बीपीओ कंपनियां इंटर्न पर ध्यान केंद्रित करने लगी हैं।


ये कंपनियां अपने मार्जिन दबाव को कम करने के लिए रोजगार प्रतिभाओं के रूप में इंटर्न को प्राथमिकता दे रही हैं। इस मामले में भारत की दूसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा प्रदाता कंपनी इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज के उदाहरण को लिया जा सकता है।
इस वर्ष कंपनी का प्रशिक्षण खर्च 700 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इस भार को कम करने के लिए कंपनी ने इंटर्न (अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहे छात्र) को नौकरी पर रखने की योजना बनाई है। इन छात्रों को 12 सप्ताह के प्रोजेक्ट वर्क के बाद 5 सप्ताह के प्रशिक्षण कार्यक्रम से गुजारा जाएगा।

कंपनी की प्रशिक्षण के समय और खर्च में कटौती करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। समय और खर्च के मामले में ऐसे छात्रों पर कंपनी की ओर से निवेश जारी है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनी प्रशिक्षण अवधि और परियोजना अवधि पर केवल 4,000 रुपये (रहने की मुफ्त सुविधा के साथ) खर्च करेगी जो वेतन की तुलना में काफी कम है। यह एक फ्रेशर के लिए दिए जाने वाले वेतन के बराबर है।

इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज की उपाध्यक्ष एवं समूह प्रमुख (एचआरडी) नंदिता गुर्जर कहती हैं, ‘इंटर्न हमारे साथ जुड़ कर अनुभव हासिल करेंगे और इन्फोसिस में कार्य संस्कृति से परिचित होंगे। यह कदम छात्रों को लाइव प्रोजेक्ट्स पर काम करने का अवसर भी मुहैया कराएगा जिसका इस्तेमाल वे अपने अंतिम वर्ष के प्रोजेक्ट सबमिशंस के लिए कर सकते हैं।’ कंपनी ने अगले वर्ष के लिए कम से कम 1000 छात्रों को इंटर्नशिप की पेशकश करने की योजना बनाई है।

विश्लेषकों का कहना है कि अन्य उद्योगों में प्रशिक्षुओं के चलन के अभाव में सेवा उद्योग के लिए ऐसे उपाय बेहद जरूरी हैं। मा फोई इंडिया के प्रबंध निदेशक पांडया राजन कहते हैं, ‘कंपनियां प्रतिभा के लिए छात्रों के मूल्यांकन के अनौपचारिक तरीके के तौर पर इसे देख रही हैं। लेकिन औद्योगिक नजरिये से मैं इस पहल का स्वागत करता हूं। सेवा क्षेत्र प्रशिक्षु की अवधारणा पर अमल करेगा।’

एचआर कंसलटेंसी फर्म रैंडस्टाड इंडिया की प्रबंध निदेशक मोनिशा आडवाणी का मानना है कि इंटर्न को नौकरी पर रखे जाने से वेतन खर्च में कमी आएगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि इन छात्रों को पूरी तरह तैयार करने के लिए प्रशिक्षण खर्च में बढ़ोतरी होगी।

उन्होंने बताया कि कॉरपोरेट जगत में इंटर्न की प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है। टीसीएस के मामले में यह आदर्श होगा। अपने एसीई कार्यक्रम के जरिये कंपनी वैश्विक छात्रों को कंपनी को बेहतर तरीके से समझने का अवसर मुहैया कराती है। एसीई को 2004 में लांच किया गया था।

आईटी कंपनियों के प्रयास

कंपनी         कुल नियुक्तियां (09)            कैम्पस से नियुक्तियां  (09)
टीसीएस            30,000-35,000                        22,451
इन्फोसिस        25,000                                    18,000
विप्रो*              82,122                         16,000 (वित्त वर्ष 08)
सत्यम           15,000                             50-60 प्रतिशत
* विप्रो ने कैम्पस से रखे गए कर्मचारियों की जानकारी मुहैया नहीं कराई है। ये आंकड़े 31 मार्च, 2008 को समाप्त हुए वर्ष के लिए हैं।

First Published - June 24, 2008 | 11:33 PM IST

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