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मारुति ने बढ़ाई रेलवे से आपूर्ति

Last Updated- December 15, 2022 | 5:05 AM IST

कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजूकी (एमएसआईएल) ने इस साल भारतीय रेलवे के जरिये 1,78,000 कारों की आपूर्ति की जो कंपनी की कुल बिक्री का करीब 12 फीसदी है। रेलवे के जरिये मारुति की कारों की ढुलाई में पिछले साल के मुकाबले इस साल 15 फीसदी का इजाफा हुआ है।
गुडग़ांव की कार कंपनी ने पिछले छह साल के दौरान 6,70,000 लाख कारों को भारतीय रेल के जरिये गंतव्य तक भेजा। इस प्रकार इसमें 18 फीसदी सीएजीआर की वृद्धि दर्ज की गई। कंपनी के मुताबिक उसने रेलवे के जरिये पहली बार मार्च 2014 में कारें भेजी थी। रेलवे के जरिये नई कारों को उनके आपूर्ति स्थल तक भेजने से कंपनी ने करीब 3,000 टन कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन को कम किया है।
कंपनी के बयान में कहा गया है कि इसके साथ ही 10 करोड़ लीटर ईंधन की भी बचत हुई है। इससे कंपनी ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर चलने वाले एक लाख ट्रक के चक्कर बचाए हैं।
मारुति सुजूकी के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ केनिची आयुकावा ने कारों को भेजने के लिए रेलवे का इस्तेमाल करने के बारे में कहा, कारें भेजने की बढ़ती संख्या को देखते हुए हमारी टीम ने बड़े पैमाने पर लॉजिस्टिक की जरूरत महसूस की। हमने महसूस किया कि न केवल विस्तार के लिए बल्कि जोखिम कम करने के लिए भी हमें सड़क माध्यम के अलावा दूसरे माध्यमों को देखना चाहिए।
शुरुआत में 125 कारों को ले जाने की क्षमता वाले रेलवे वैगन का इस्तेमाल किया। उसके बाद डबल-डेकर रैक का इस्तेमाल शुरू हुआ जिसमें 265 कार ले जाने की क्षमता होती है। इन रैकों के जरिये अब तक 1.4 लाख कारें भेजी जा चुकीं हैं। अब कंपनी 27 रैक का इस्तेमाल कर रही है। इनमें प्रत्येक रैक में 318 कारें भेजी जा सकतीं हैं।
मारुति ने कहा है कि वह देश की पहली कार निर्माता कंपनी है जिसके पास ऑटोमोबाइल फ्रेट ट्रेन ऑपरेटर (एएफटीओ) लाइसेंस है। वर्तमान में कंपनी पांच टर्मिनल- गुरुग्राम, फारुखनगर, कठुवास, पाटली, डेट्रोज- से कारों का लदान करती है।

First Published - July 9, 2020 | 12:42 AM IST

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