जर्मनी की कंपनी मेट्रो कैश ऐंड कैरी भारत के परंपरागत किराना स्टोर मालिकों को इस व्यापार को संगठित करने का प्रशिक्षण देने की योजना बना रहा है।
कंपनी की योजना अगले दो-तीन साल में भारत में अपने कर्मचारियों की संख्या 1,800 से बढ़ाकर 5,000 करने पर भी विचार कर रही है।कंपनी इस साल के अंत तक इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को शुरू कर सकती है। इस कार्यक्रम के तहत कंपनी किराना मालिकों को छोटी जगह में बेहतर सुविधा देने के लिए प्रशिक्षित करेगी।
मेट्रो कैश के निदेशक (मानव संसाधन) ए जॉन इंडिकुला ने कहा ‘ मेट्रो का मुख्य लक्ष्य परंपरागत किराना स्टोरों को ज्यादा बेहतर सुविधाएं, उत्पादों का वर्गीकरण और बेहतर पूंजी प्रबंधन के गुर सिखाना है।’ इस बारे में उन्होंने और ज्यादा बताने से मना कर दिया।
पिछले साल से हिंदुस्तान यूनीलीवर, मैरिको और डाबर जैसी दैनिक उपभोक्ता सामान (एफएमसीजी) कंपनियों ने आधुनिक रिटेलरों को पछाड़ने के लिए किराना स्टोर मालिकों के साथ पार्टनरशिप की शुरुआत की है। ये सभी कंपनियां इन दुकानदारों को बेहतर प्रबंधन, प्रोडक्ट डिस्प्ले के गुर सिखा रही हैं जिससे उत्पादों की बिक्री में इजाफा हो सके।
मेट्रो ने भारत में कंपनी कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और इंडो-जर्मन चैम्बर ऑफ कॉमर्स के साथ नियुक्तियों के लिए करार किया है।
इंडिकुला ने कहा ‘हम अगले 5 साल में लगभग 10,000 लोगों को नियुक्त करने के बारे में सोच रहे हैं। लेकिन इसमें सबसे बड़ी समस्या है कि यहां पर प्रशिक्षित श्रमिकों की कमी के साथ ही सेवा प्रदान करने की मानसिकता में भी कमी है।’ कंपनी के एक गोदाम में ही लगभग 300 लोगों को सीधे तौर पर और अतिरिक्त कामों के लिए 100-150 लोगों को रोजगार मिलता है।
अभी देश में मेट्रो के तीन कैश ऐंड कैरी स्टोर ही हैं। इन स्टोरों में 26 श्रेणियों के अंतर्गत 18,000 उत्पाद बेच रही है। कंपनी जल्द ही मुंबई और कोलकाता में भी परिचालन कार्य शुरू करने वाली है। मेट्रो पंजाब में 900 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा पहले ही कर चुकी है। कैश ऐंड कैरी बाजार 13,60,000 करोड़ रुपये के भारी भरकम भारतीय रिटेल बाजार का एक छोटा सा हिस्सा ही है।