माइक्रोसॉफ्ट के ऑफिस ओपन एक्सएमएल(ओओओएक्सएमएल) सॉफ्टवेयर को मानक मानने से अंतरराष्ट्रीय मानक संगठन(आईएसओ) के इंकार के बाद शुरू हुआ विवाद अभी खत्म होने का नाम नही ले रहा है।
ओपन डॉक्युमेंट फॉर्मेट(ओडीएफ) प्रस्तावित करने वाले एक्सएमएल का विरोध कर रहे हैं। उनके मुताबिक बहुस्तरीय मानकों को नही माना जाएगा। उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट पर भारतीय गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को फुसलाने का आरोप लगाया है।
उनका आरोप है कि कंपनी ने गैर सरकारी संगठनों को एक्सएमएल को मानक मानने के लिए सूचना प्रोद्यौगिकी मंत्रालय और भारतीय मानक ब्यूरो(बीआईएस)से सिफारिश करने के लिए कहा है। उनके मुताबिक लगभग 30 गैर सरकारी संगठनों को माइक्रोसॉफ्ट वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।
माइक्रोसॉफ्ट ने गैर सरकारी संगठनों को भेजे गए पत्रों में लिखा है-प्लीज आप हमें अपने संगठन के बारे में जानकारी दे। अगर प्लीज की व्याख्या की जाए तो उसका मतलब है कि कंपनी ओएक्सएमएल को एक मानक मानती है।
कंपनी के मुताबिक इस सॉफ्टवेयर के आने से ग्राहकों के सामने ज्यादा विकल्प होंगे और इस सॉफ्टवेयर से कंपनी को कोई वित्तीय फायदा भी नही है। कंपनी इसे समाज के विकास में अपने योगदान के रुन में लाना चाहती है।
ओएक्सएमएल के मुद्दे पर भारत का रवैया पूरी तरह से नकारात्मक रहा है। अंतरराष्ट्रीय मानक संगठन से मंजूरी न मिल पाने से कंपनी को व्यापार में काफी घाटा हो रहा है। किसी भी देश की सरकार अब इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल नही करेगी क्योंकि सरकारी कामों के लिए हमेशा ही अंतरराष्ट्रीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रमाणित सॉफ्टवेयर ही इस्तेमाल करती हैं।
आमतौर पर सरकार हमेशा अपनी जानकारियां स्वामित्व वाले सॉफ्टवेयर में नही रखती हैं क्योंकि इससे उनके सॉफ्टवेयर विक्रेता के बंधक बनने का खतरा हो जाता है। दिल्ली, केरल और उत्तर-पूर्वी राज्य ज्यादातर ओडीएफ फाइलों का इस्तेमाल करते हैं। माइक्रोसॉफ्ट राज्यों की ना को हां में बदलने की कोशिश कर रहा है।
कंपनी के प्रवक्ता ने कताया कि गैर सरकारी संगठनों को पत्र जरुर लिखे गए हैं पर किसी को भी इसे गलत संदर्भ में नही लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि गैर सरकारी संगठन समाज के एक महत्वपूर्ण हिस्से का प्रतिनिधित्व करते है और इसीलिए एक्सएमएल के मुद्दे पर उनकी राय भी मांगी गई थी।
प्रवक्ता ने बताया कि एक्सएमएल के मुद्दे पर कंपनी को बहुत से संगठनों का स्वैछिक सहयोग प्राप्त हुआ है। इन संगठनों की संख्या प्रोजेक्ट ज्योति में कं पनी के साथ जुड़े संगठनों से काफी ज्यादा है। प्रोजेक्ट ज्योति में कंपनी को लगभग 13 संगठनों का समर्थन प्राप्त है। इन संगठनों को कंपनी से कैश और लगभग 37.5 करोड़ रुपयों के सॉफ्टवेयर मिलते हैं।