मोबाइल फोन की पहुंच का फायदा उठाने के लिए अब दैनिक उपभोक्ता सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली दिग्गज कंपनियां भी मोबाइल विज्ञापनों के क्षेत्र में आ चुकी हैं।
सभी जगह तक आसानी से पहुंचने के कारण मोबाइल विज्ञापन बाजार अब कंपनियों का पसंदीदा बनता जा रहा है। एफएमसीजी क्षेत्र की कंपनियों का विज्ञापनों के लिए मोबाइल का इस्तेमाल तो इस बाजार की बढ़ती लोकप्रियता की एक बानगी ही है। हिंदुस्तान यूनिलीवर और कोका-कोला इस महीने की शुरुआत में मोबाइल रखने वाले ग्राहकों तक पहुंचने के लिए विज्ञापन कैंपेन भी शुरू कर चुकी हैं।
कोका-कोला ने हाल फिलहाल ही स्प्राइट के लिए मोबाइल कैंपेन की शुरुआत की है। कंपनी को उम्मीद है कि इस कैंपेन के जरिये कंपनी सभी दूरसंचार कंपनियों के देश भर में लगभग 23 करोड़ ग्राहकों तक आसानी से पहुंच सकती है।
पिछले हफ्ते ही हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) ने भी आइसक्रीम ब्रांड कॉर्नेटो के लिए मोबाइल विज्ञापन कैंपेन लॉन्च किया था। इन दोनों ही कैंपेन को वैल्यू एडिड सवर्सिसेज के साथ लॉन्च किया गया है और ग्राहकों द्वारा भी इन्हें काफी पसंद किया जा रहा है।
कोका-कोला ने सर्वेक्षण के आधार पर यह कैंपेन शुरू किया है। दरअसल इस सर्वेक्षण में यह बात सामने आई थी कि देश भर में स्प्राइट के लगभग 23 करोड़ उपभोक्ता हैं और लगभग इतने ही मोबाइल उपभोक्ता भी हैं। इसी सर्वेक्षण में यह भी पता चला कि देश भर में मोबाइल उपभोक्ताओं में सबसे ज्यादा संख्या कॉलेज जाने वाले छात्रों की हैं, जो प्रीपेड मोबाइल कनेक्शन इस्तेमाल करते हैं।
इस मोबाइल कैंपेन को कंपनी ने गर्मियों में लॉन्च किया है। इसकी मुख्य वजह है कि इन्हीं तीन महीनों में सॉफ्टड्रिंक्स कंपनियों की लगभग 55 फीसदी बिक्री होती है। अगर यह कैंपेन सफल हो जाता है तो स्प्राइट को सबसे पहले विज्ञापन कैंपेन लॉन्च करने का फायदा जरूर मिलेगा। कोका-कोला के प्रवक्ता ने कहा, ‘टीवी पर तो स्प्राइट के लिए पहले से ही विज्ञापन आ रहे हैं। इस मोबाइल कैंपेन से कंपनी को सभी मोबाइल उपभोक्ताओं तक पहुंचने में सफलता मिलेगी।’
कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘विज्ञापन दरअसल ग्राहकों के साथ व्यक्तिगत संपर्क का जरिया होते हैं और इसके लिए मोबाइल का इस्तेमाल सबसे ज्यादा सस्ता पड़ता है। परंपरागत विज्ञापन संसाधनों के इस्तेमाल से भी ग्राहकों के साथ वैसा इंटरेक्शन नहीं हो पाता है जैसा मोबाइल के जरिये होता है।
मोबाइल विज्ञापन कंपनी ऑक्सीजन के संस्थापक प्रमोद सक्सेना ने कहा, ‘कोका-कोला और एचयूएल पहली दो कंपनियां हैं जिन्होंने मोबाइल विज्ञापन कैंपेन के लिए हमसे संपर्क किया है। हमें उम्मीद है कि इसके बाद और कंपनियां भी विज्ञापनों के लिए हमारी सेवाएं लेंगी।’
अभी तक कंपनियों द्वारा विज्ञापनों पर खर्च की जाने वाली राशि का लगभग 80 फीसदी खर्च टीवी और प्रिंट जैसे परंपरागत मीडिया पर ही होता है। उदाहरण के तौर पर आईटीसी जैसा बडा समूह डिजिटल मीडिया पर कुल विज्ञापन राशि का मात्र एक फीसदी ही खर्च करता है।
हालांकि डिजिटल कैंपेनों की सफलता को देखते हुए माना जा रहा है कि कंपनियां अब डिजिटल मीडिया पर भी ज्यादा खर्च करेंगी। पिछले साल फेयर ऐंड लवली के लिए हिंदुस्तान युनीलीवर के इसी तरह के कैंपेन को हर महीने लगभग 45,000 प्रतिक्रियाएं मिली थी।
आइस्क्रीम की खपत में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए हिंदुस्तान यूनिलीवर ऑक्सीजन की ऑक्सीकैश तकनीक का इस्तेमाल कर इसी महीने कॉर्नेटो के लिए भी विज्ञापन कैंपेन शुरू कर चुकी है। कंपनी ने कॉर्नेटो के लिए ‘स्क्रैच ऐंड विन’ कॉन्टेस्ट भी शुरू किया है।
…मोबाइल से मुनाफा
मोबाइल फोन ग्राहक तक पहुंचने के सबसे सस्ते साधन
एचयूएल और कोका कोला लाईं कैंपेन
युवाओं के पास सबसे ज्यादा सेलफोन, इसलिए बाजार भी बड़ा
कंपनियां अब मोबाइल प्रचार पर करेंगी खर्च