देश में गैस, डीजल और पेट्रोल की बढ़ती कीमत के डंक से परेशान मुकेश अंबानी अब विदेशों की ओर निगाह गड़ा रहे हैं।
ऊर्जा के कारोबार में दुनिया भर में छाने के उनके सपने को पूरा करने के लिए अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड लैटिन अमेरिका में तेल एवं गैस के क्षेत्र खरीदने की योजना बना रही है।
कंपनी के अंतरराष्ट्रीय कारोबार के अध्यक्ष अतुल चंद्रा ने आज मुंबई में बातचीत में कहा, ‘हम लैटिन अमेरिका में दो परियोजनाओं के बारे में सोच रहे हैं।?उनमें से एक में हम सबसे बड़ी हिस्सेदारी खरीदेंगे। कम से कम एक परियोजना में हम ऑपरेटर के तौर पर काम करेंगे।’
भारत में सरकारी तेल कंपनियों को सब्सिडी मिलने की वजह से रिलायंस को जबर्दस्त घाटा हो रहा है। जानकारों के मुताबिक इससे निपटने के लिए उसे विदेशों में अपने कारोबार को बढ़ाना ही होगा। फिलहाल कंपनी इस समय दुनिया का सबसे बड़ा रिफाइनरी परिसर तैयार कर रही है। यहां तैयार होने वाले पेट्रोलियम उत्पाद पूरी तरह निर्यात किए जाएंगे।
कंपनी को ड्रिलिंग में काम आने वाले उपकरण मिलने में भी दिक्कत आ रही है॥इसी वजह से उसका इरादा रिग बनाने और खरीदने का भी है। चंद्रा ने बताया, ‘हम तेलक्षेत्र सेवाओं के कारोबार में भी कदम रखने की संभावनाएं तलाश रहे हैं। चालू वित्त वर्ष के दौरान या अगले वित्त वर्ष में इसे शुरू कर देने का हमारा इरादा है। लेकिन अभी इसके लिए साझेदारों से बातचीत शुरू नहीं की गई है।’
रिलायंस ने घाटे की वजह से अपने 950 पेट्रोल और डीजल आउटलेट बंद करने का ऐलान पहले ही कर दिया है।?कंपनी के योजना एवं कारोबार विकास विभाग के अध्यक्ष पार्थ मैत्रा ने कहा कि ईंधन की रिटेल बिक्री का सीधा मतलब घाटा है और यही वजह है कि 950 पेट्रोल पंप इसी महीने बंद किए जा रहे हैं।
कंपनी की गुजरात के जामनगर में 660,000 बैरल रोजाना क्षमता वाली रिफाइनरी है। यहीं पर वह 580,000 बैरल रोजाना क्षमता वाली एक और रिफाइनरी का निर्माण कर रही है, जो इस साल काम शुरू कर देगी।