निविया इंडिया को उम्मीद है कि वे अगले तीन सालों में मुनाफा कमाने लगेगी।
फिलहाल कंपनी निवेश चरण में है, जब से कंपनी ने वितरक भागीदार जे एल मोरिसन से दिसंबर 2007 में अपने संयुक्त उद्यम को खत्म कर दिया है। अब कंपनी जर्मन की बीयर्सडॉर्फ के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बन गई है।
कंपनी 2010 तक अपनी बिक्री को 600 करोड़ रुपये के आंकड़े तक ले जाना चाहती है, जबकि इस वर्ष कंपनी कम से कम 200 करोड़ रुपये की बिक्री का अनुमान लगा रही है।
निविया की मार्केटिंग प्रमुख सोमा घोष का कहना है, ‘हम अपने वर्तमान उत्पाद पोर्टफोलियो को बेहतर बनाने में जुटे हुए हैं, जिसमें मुख्य तौर पर महिलाओं के चेहरे की देखभाल, डीओड्रेंट और पुरुषों की त्वचा की देखभाल से जुड़े उत्पाद है। हम इस श्रेणी में बेहतर किए गए वैरिएंट्स और नए उत्पाद लॉन्च करेंगे।’ फिलहाल निविया देशभर में 600 स्टोरों में ही उपलब्ध है, फिर भी बाजार में इसकी उपस्थिति काफी मजबूत है।
हिन्दुस्तान यूनिलीवर के एक्स ब्रांड के बाद यह बाजार में 12 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ दूसरे बड़ा ब्रांड है। पुरुषों के लिए गौरे होने की क्रीम के साथ निविया का बड़े बाजारों जैसे कि दिल्ली और मुंबई में लगभग 50 प्रतिशत कब्जा है।
एसी नीलसेन रिटेल मेजरमेंट सर्विसेस के अनुसार, बतौर ब्रांड निविया ढाई लाख रिटेल स्टोरों में जगह बनाए हुए है। निविया के सभी आम और आधुनिक कारोबार को मिला दिया जाए तो इसका हिस्सा सभी ब्रांडों में 5 प्रतिशत से भी कम है सिवाए निविया की पुरुषों के लिए गौरे होने की क्रीम के, जिसमें इसका 14.6 प्रतिशत हिस्सा है।