सर्वोच्च न्यायालय ने शीतल पेय कंपनी कोका-कोला से एक पूर्व कर्मचारी के उत्पीड़न संबंधी याचिका पर जवाब मांगा है।
कोका-कोला की इस पूर्व कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि कार्य के दौरान उसके वरिष्ठ अधिकारियों ने उसे उत्पीड़ित किया और महिला होने के नाते उसके साथ भेदभाव बरता गया।
न्यायाधीश बी. एन. अग्रवाल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पायल चावला की याचिका पर सुनवाई करते हुए अमेरिकी कोका-कोला कंपनी और इसकी भारतीय इकाई कोका-कोला इंडिया को नोटिस भेजा है। चावला का आरोप है कि उसे गर्भावस्था के दौरान उसके वरिष्ठ अधिकारियों ने उत्पीड़ित किया, अकारण ही उसकी पदावनति कर उसे नौकरी छोड़ने के लिए विवश किया गया।
अपनी याचिका में चावला ने दावा किया है कि उसने अक्टूबर 1995 में एसिस्टेंट लीगल काउंसिल के तौर पर कोका-कोला इंडिया में नौकरी हासिल की थी और वह जुलाई 2004 तक इस कंपनी में कार्यरत रही। उसके मुताबिक 1999 में समस्या तब शुरू हो गई जब उसने कार्यालय में यह खुलासा कर दिया कि वह गर्भवती है। गर्भावस्था के दौरान उसे कार्यालय में बेहद तनाव का सामना करना पड़ा जिसके कारण उसे गर्भावस्था संबंधी विकार के दौर से गुजरना पड़ा।