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ओएनजीसी ने 1 साल में गंवाए 7 अरब रुपये

Last Updated- December 05, 2022 | 9:26 PM IST

तेल एवं गैस अनुसंधान और उत्पादन के मामले में देश की सबसे बड़ी कंपनी ओएनजीसी को 2007-08 में गैस बिक्री में तकरीबन 700 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।


ओएनजीसी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर. एस. शर्मा ने बताया, ‘हमें फिलहाल 78 रुपये प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमबीटीयू) के बराबर कीमत हासिल हुई, लेकिन 100 रुपये प्रति एमबीटीयू की कीमत पर हमें न तो मुनाफा होगा और न ही नुकसान होगा।’टेरिफ कमीशन ने 2006 में सुझाव दिया था कि ओएनजीसी और ऑयल इंडिया को चयन प्रक्रिया के आधार पर दिए गए क्षेत्रों से गैस उत्पादन में 3.6 रुपये प्रति क्यूबिक मीटर का इजाफा होगा जो फिलहाल 3.2 रुपये प्रति क्यूबिक मीटर है।


शर्मा ने कहा कि 3.6 रुपये प्रति क्यूबिक मीटर की कीमत से ओएनजीसी को न तो कोई मुनाफा होगा और न ही नुकसान होगा। उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि कैबिनेट जल्द ही हमारी गैस की बढ़ती प्रशासित कीमत पर फैसला देगा।’ओएनजीसी का तकरीबन 80 प्रतिशत गैस उत्पादन मूल्य नियंत्रण के तहत है। सरकार की ओर से नियंत्रित गैस कीमतों के साथ ओएनजीसी का गैस उत्पादन खर्च इसके लिए मिलने वाले मूल्य की तुलना में अधिक है।


शर्मा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आंध्र प्रदेश के तट पर गहरे पानी में इसकी खोज जैसे नए क्षेत्रों से गैस के लिए बाजार कीमत प्राप्त होगी। पेट्रोलियम मंत्रालय ने जनवरी में कैबिनेट को ओएनजीसी और ऑयल इंडिया द्वारा उत्पादित गैस की कीमतों में 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी का सुझाव दिया था। उस सिफारिश को अभी तक मंजूर नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, ‘2006-07 में हमें प्राकृतिक गैस की बिक्री पर 600 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा था। 2007-08 के लिए आंकड़े अभी सुनियोजित नहीं हैं, लेकिन यह तकरीबन 700 करोड़ रुपये है।’

First Published - April 15, 2008 | 2:39 AM IST

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