देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम उत्खनन कंपनी ऑयल ऐंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ओएनजीसी) ने पश्चिमी छोर पर स्थित पन्ना और मुक्ता क्षेत्र में एक विस्फोट होने के बाद पेट्रोलियम क्षेत्र बंद कर दिये।
ओएनजीसी के कार्यकारी निदेशक सुधीर वासुदेव ने बताया, ‘पन्ना क्षेत्र के एक उपकरण में खराबी आने के कारण हमें गैस और तेल का उत्पादन बंद करना पड़ा।’ उन्होंने बताया कि कंपनियों ने फोर्स माज्योर लगा दिया है।
दरअसल फोर्स माज्योर एक कानूनी प्रावधान है जिसके तहत कंपनी को उसके नियंत्रण से बाहर के कारणों से आपूर्ति करारों को पूरा ने करने की छूट देता है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी रिलायंस इंडस्ट्रीज और बीजी ग्रुप के साथ मिलकर पन्ना, मुक्तरा और ताप्ती क्षेत्रों में तेल उत्खनन का कार्य देखती है।
वासुदेव ने बताया कि इन क्षेत्रों में तेल का उत्पादन रोजाना के 173 लाख घन मीटर से घटाकर 136 लाख घन मीटर कर दिया है। उन्होंने कहा कि रोजाना 40,000 बैरल तेल के उत्पादन पर इससे प्रभाव पड़ा है। इन क्षेत्रों से ही देश मंन प्राकृतिक गैस की रोजाना खपत 850 लाख घन मीटर की 20 फीसदी आपूर्ति की जाती है। इसमें आयात की गई लिक्विफाइड नेचुरल गैस भी शामिल है।
तेल मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक देश भर में 1700 लाख घन मीटर लिक्विफाइड नेचुरल गैस की खपत होती है। वासुदेव ने बताया कि अगले एक-दो दिन में कंपनियां इन क्षेत्रों में तेल उत्पादन का कार्य फिर से शुरू कर देंगी।
उन्होंने कहा कि ताप्ती क्षेत्र की उत्पादन क्षमता बढ़ा दी गई है और गैस उत्पादन जल्द ही शुरू हो जाएगा। लेकिन उन्होंने इस बारे में ज्यादा जानकारी देने से मना कर दिया।