ओएनजीसी और गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (जीएसपीसी) के गैर सरकारी क्षेत्र के संयुक्त उपक्रम ओएनजीसी पेट्रो ऐडिशंस लिमिटेड (ओपीएएल) की योजना पूंजी बाजार में लगभग 3,000-3,500 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की है।
ओएनजीसी के एक प्रमुख अधिकारी का कहना है, ‘हमारा उद्देश्य सार्वजनिक पेशकश से कम से कम परियोजना की लागत का 20 प्रतिशत उगाहने की है। एक बार जब हम अपने निजी भागीदारों पर फैसला ले लेंगे, जिसके बारे में हमें उम्मीद है कि वह अगले दो से तीन महीनों में हो जाएगा, उसके बाद हम सार्वजनिक पेशकश करेंगे।’
सूत्रों का कहना है कि कच्चे माल की लागत में इजाफा होने के कारण और बदलती परिस्थितियों से ओपीएएल इकाई की परियोजना की लागत के काफी अधिक होने की उम्मीद है और इसमें जल्द ही बदलाव किए जाएंगे। ओएनजीसी के ओपीएएल में 26 प्रतिशत नियंत्रण अधिकार के साथ हिस्सेदारी है, जबकि जीएसपीसी की इसमें 5 प्रतिशत हिस्सेदारी है। ओपीएएल ने निवेशक भागीदारों और सार्वजनिक निर्गम के लिए रोटशिल्ड और एबीएन-एमरो के साथ गठबंधन बनाया है।
सूत्रों का कहना है कि पहले ही वैश्विक कंपनियां जैसे चिसो और मित्सुबिशी कैमिकल कॉर्पोरेशन के बीच सरकारी-निजी संयुक्त उपक्रम जापान पॉलीप्रोपीलीन कॉर्पोरेशन (जेपीपी), दुनिया की सबसे बड़ी पॉलीमर्स, पेट्रोकेमिकल्स और ईंधन कंपनियां लॉयंडलबैसल इंडस्ट्रीज, इनीयॉस समूह, मित्सुबिशी कैमिकल्स, मित्सुई, पश्चिम एशिया की वित्तीय कंपनी क्यूआईपी समूह की नजरें इस इक्विटी पर टिकी हैं।