लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) के कंक्रीट कारोबार को खरीदने के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी होलसिम को पछाड़ने वाली फ्रांसीसी कंपनी लाफार्ज सुर्खियों में है।
उसने एलऐंडटी का यह कारोबार 1,480 करोड़ रुपये में खरीदा। कंपनी के प्रबंध निदेशक और लाफार्ज एग्रीगेट्स ऐंड कंक्रीट इंडिया के प्रमुख माइक ग्लोवर ने कंपनी की योजनाओं के बारे में हमारे संवाददाता चंदन किशोर कांत से विस्तार से बातचीत की। पेश हैं बातचीत के कुछ अंश :
इस अधिग्रहण से लाफार्ज के कारोबार में क्या मदद मिलेगी?
इस अधिग्रहण से हमारी बुनियाद मजबूत हुई है। भारत को हमने हमेशा ही संभावनाओं से भरपूर बाजार माना है। इस समझौते से हमें रेडी मिक्स कंक्रीट के कारोबार में अच्छी शुरुआत करने में मदद मिलेगी क्योंकि अब पूरे भारत में हमारी पहुंच है। हम जानते हैं कि यह उद्योग काफी तेजी से विकास करेगा और हम इसकी बढ़ती रफ्तार के साथ कदम मिलाकर चलना चाहते हैं।
क्या आप एलऐंडटी के नेटवर्क का विस्तार करने की भी सोच रहे हैं?
बिल्कुल। इस बाजार की 25 फीसद विकास दर के साथ चलने के लिए हमें इस नेटवर्क को बढ़ाना होगा। साल दर साल हमारी विस्तार की योजना है।
सीमेंट उत्पादन क्षमता का विस्तार करने के लिए कंपनी की क्या योजना है?
अगले पांच साल में हम अपनी उत्पादन क्षमता को दोगुना करने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए कंपनी नए संयंत्र लगाएगी और पुराने संयंत्रों में भी निवेश करेगी।
होलसिम ने भारत में लाफार्ज के आने के अरसे बाद कदम रखा, फिर भी वह यहां लाफार्ज से आगे है। ऐसा क्यों?
अगर आप सीमेंट बाजार की बात करें तो होलसिम एसीसी और अंबुजा के जरिये भारत में मौजूद है। हम भारत में टिस्को और रेमंड की मदद से आए थे। सीमेंट कारोबार में ही रेडी मिक्स के बाजार की बात करें, तो एलऐंडटी वाले अधिग्रहण ने ही हमें इस बाजार की अव्वल नंबर की कंपनी बना दिया है।
निवेश को लेकर हमारी अच्छी खासी योजनाएं हैं। हम नए संयंत्र और पुराने संयंत्र दोनों में ही निवेश कर रहे हें। कुल मिलाकर हमारा ध्यान संयंत्र लगाकर उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर है। लेकिन अगर इसके लिए अधिग्रहण जरूरी लगा, तो वह भी किया जाएगा।
आपको नहीं लगता कि एलऐंडटी के कंक्रीट कारोबार के लिए लाफार्ज ने बाजार के कयासों से भी ज्यादा रकम खर्च कर दी है?
निवेश के जितने भी पैमाने हैं, उन सभी पर यह सौदा खरा उतरता है। इसलिए हम नहीं मानते कि हमने इस कारोबार के लिए ज्यादा कीमत चुकाई है। इस सौदे की कीमत लगाते समय हमने यह देखा कि हमें इससे विस्तार में कितनी मदद मिलेगी। इससे भी ज्यादा अहम यह है कि अब हमें पूरे देश में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने का मौका मिलेगा और हम बाजार में सबसे आगे भी हो गए।
भारत के रेडी मिक्स बाजार में बढ़त हासिल करने के लिए कंपनी की निवेश योजनाएं क्या हैं?
रेडी मिक्स और एग्रीगेट कारोबार में कंपनी लगातार निवेश करेगी। इसमें आम तौर पर नए संयंत्र ही लगाए जाएंगे। यह निवेश बाजार की 25 फीसद विकास दर के साथ तालमेल बैठाने के लिए किया जाएगा। इसीलिए छोटा अधिग्रहण भी किया जा सकता है।
लाफार्ज भारत में 1999 से मौजूद है। फिर कंपनी ने विस्तार और अधिग्रहण के मामले में इतनी देर क्यों की?
यह निवेश की हमारी नीति के कारण है। इस बाजार में हमें वाकई दिलचस्पी थी क्योंकि यहां संभावनाएं बहुत हैं। निवेश के बारे में हमने कुछ अलग तरीके से सोचा और उसी नीति पर हम चलते रहे। हमने आम तौर पर नए संयंत्र लगाए और पुराने को आधुनिक बनाया। इसीलिए अधिग्रहण में हमने देर की। लेकिन आगे शायद ऐसा नहीं होगा।