तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी)खरीदने वाली भारत की सबसे बड़ी कंपनी पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड भी विदेशों में कारोबार बढ़ा रही है।
कंपनी ऑस्ट्रेलिया में कुछ गैस परियोजनाओं में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने की इच्छुक है और उसकी बात भी चल रही है।पेट्रोनेट के प्रबंध निदेशक प्रसाद दासगुप्ता ने इस योजना की पुष्टि की।उन्होंने मुंबई में आज बताया कि कंपनी कोल बेड मीथेन की परियोजना में हिस्सेदारी खरीदने पर विचार कर रही है। हिस्सेदारी के आकार के बारे में अभी फैसला नहीं किया गया है। लेकिन यह हिस्सेदारी 5 से लेकर 50 प्रतिशत तक हो सकती है।
ऑस्ट्रेलिया में कुछ नई?परियोजनाओं के लिए अगले हफ्ते से बोली लगाई जा रही हैं। कंपनी इनमें भी हिस्सा लेगी।दासगुप्ता ने बताया, ‘अगले छह से आठ महीनों में किसी अच्छी परियोजना में निवेश करने की हमारी योजना है। उम्मीद है कि हम इसे जल्द ही अमली जामा पहना देंगे।’
उन्होंने बताया कि निवेश करने के लिए पेट्रोनेट ने कुछ शर्तें भी रखी हैं। इनमें सबसे अहम शर्र्त यह है कि जिस परियोजना में वह निवेश करेगी, उसकी गैस बेचने के लिए पेट्रोनेट को वरीयता सूची में सबसे ऊपर रखा जाएगा। कंपनी फिलहाल 700 खरब से 1,500 खरब घन फुट क्षमता वाली परियोजनाओं के बारे में ही विचार कर रही है।
यदि पेट्रोनेट की ऑस्ट्रेलियाई योजना पटरी पर आगे बढ़ जाती है, तो गैस की आपूर्र्ति में उसे कोई दिक्कत नहीं आएगी। कंपनी अभी उर्वरक संयंत्रों, विद्युत संयंत्रों और पेट्रोरसायन परियोजनाओं के लिए ईंधन की आपूर्ति करती है।देश में इस समय गैस से काम करने वाले बिजली संयंत्रों से पूरी क्षमता के साथ काम नहीं लिया जा रहा है।गैस की आपूर्ति ठीक हो जाने से ये संयंत्र बिजली की किल्लत दूर कर सकते हैं।