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पावरग्रिड उगाह सकती है 4,200 करोड़ रुपये

Last Updated- December 07, 2022 | 10:05 AM IST

देश की सबसे बड़ी बिजली ट्रांसमिशन से जुड़ी कंपनी पावरग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल) की योजना अगस्त तक घरेलू बॉन्ड जारी कर लगभग 4 हजार करोड़ रुपये इकट्ठा करने की है।


कंपनी इससे मिलने वाली राशि को अपनी इस साल की बड़ी ट्रांसमिशन परियोजनाओं को फंड मुहैया करने में लगाएगी। कंपनी के वित्त निदेशक जे श्रीधरन का कहना है, ‘हम इस वर्ष में अपनी विभिन्न ट्रांसमिशन परियोजनाओं के लिए इक्विटी इकट्ठा करने के लिए अगले महीने 4,200 करोड़ रुपये के घरेलू बॉन्ड जारी कर सकते हैं।’

सासान और मुंद्रा जैसी अल्ट्रा मेगा बिजली परियोजनाओं के लिए ट्रांसमिशन अधिकार हासिल करने के अलावा ट्रांसमिशन क्षेत्र की यह बड़ी कंपनी लगभग 40 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर विचार कर रही है, इनमें 13,400 करोड़ रुपये वाली दामोदर वैली कॉर्पोरेशन (डीवीसी) राइट बैंक ट्रांसमिशन परियोजना, 3,800 करोड़ रुपये वाली बाढ़ ट्रांसमिशन सिस्टम परियोजना, 800 करोड़ रुपये की नेवेली विस्तार परियोजना और 1,900 करोड़ रुपये की कोदुंकुलम ट्रांसमिशन परियोजना शामिल है।

कंपनी की 2007-2012 तक की लंबे समय की योजना में इन परियोजनाओं को फंड करने के लिए 55 हजार करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत है, जिसमें से 30 प्रतिशत फंड कंपनी के आंतरिक संसाधनों और बाकी का 70 प्रतिशत कर्ज के जरिये इकट्ठा किया जाएगा। केन्द्रीय ट्रांसमिशन कंपनी की योजना इस वर्ष के अंत तक 8 हजार करोड़ रुपये ट्रांसमिशन परियोजनाओं में लगाने की है, जिसका 70 प्रतिशत, 5,600 करोड़ रुपये कर्ज के जरिये उगाहे जाएंगे।

बॉन्ड के जरिये इकट्ठा किए जाने वाले 4,200 करोड़ रुपये इसी राशि का हिस्सा होंगे। इसके अलावा बची हुई राशि 1,400 करोड़ रुपये विश्व बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) से अंतरराष्ट्रीय कर्ज के रूप में लिए जाएंगे। इस वर्ष पहले कंपनी ने अपनी अल्ट्रा मेगा बिजली परियोजना सहित विभिन्न ट्रांसमिशन परियोजनाओं के लिए 4,000 करोड़ रुपये के विश्व बैंक (2,400 करोड़ रुपये)और एडीबी (1,600 करोड़ रुपये) के लिए ऋण करार किए थे।

अब कंपनी लगभग 2,400 करोड़ रुपये विश्व बैंक और एडीबी से मौजूदा वित्त वर्ष के अंत तक कर्ज के रूप में लेने की योजना बना रही है। श्रीधरन का कहना है, ‘कुल 2400 करोड़ रुपये में से लगभग 1600 करोड़ रुपये विश्व बैंक से और 800 करोड़ रुपये एडीबी बैंक से मिलेंगे।’ उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी कच्चे माल की कीमतों में हो रहे इजाफे से लागत पर बढ़ने के दबाव को कम करने के काबिल है।

First Published - July 10, 2008 | 12:13 AM IST

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