भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने दिवालिया कार्यवाही से गुजर रही अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल के बोर्ड ऑफ डॉयरेक्टर्स (Board of Directors) में हिंदुजा ग्रुप के पांच प्रतिनिधियों (representatives) को शामिल करने की मंजूरी दे दी है।
40 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल में निदेशकों (Directors) में अमर चिंतापंथ, शरदचंद्र वी जरेगांवकर, मोसेस न्यूलिंग हार्डिंग जॉन, भूमिका बत्रा और अरुण तिवारी को शामिल किया गया है।
रिलायंस कैपिटल के लिए इंडसइंड इंटरनैशनल होल्डिंग लिमिटेड (IIHL) की 10,000 करोड़ रुपये की समाधान योजना (resolution plan) और रिलायंस कैपिटल के नियंत्रण को IIHL की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, IIHL BFSI (India) को ट्रांसफर करने के प्रस्ताव के लिए RBI की मंजूरी उसकी ‘अनापत्ति’ (‘no-objection’) के साथ आई है।
RBI ने निर्धारित किया है कि कंट्रोल ऐंड मैनेजमेंट में बदलाव के अनुसार, कंपनी इंडसइंड बैंक के साथ किसी भी लेनदेन के संबंध में सख्त दूरी बनाए रखेगी। बता दें कि इंडसइंड बैंक का स्वामित्व हिंदुजा समूह के पास है।
इसमें यह भी कहा गया है कि समाधान योजना के कार्यान्वयन (implementation ) के बाद, शेयरधारिता में कोई भी बदलाव RBI की मंजूरी के अधीन होगा।
RBI ने निर्देश दिया कि IIHL के रिजॉल्यूशन प्लान को मंजूरी देने वाले राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) के आदेश की एक कॉपी बैंक को जमा करनी होगी।
IIHL के रिजॉल्यूशन प्लान के लिए NCLT की मंजूरी लंबित है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस कैपिटल के कर्जदाताओं द्वारा आयोजित दूसरे दौर की नीलामी के खिलाफ टोरेंट इन्वेस्टमेंट (Torrent Investment) की याचिका पर अभी तक फैसला नहीं किया है।
बता दें कि दूसरे दौर की नीलामी में हिंदुजा ग्रुप ने रिलायंस कैपिटल को खरीदने के लिए 9,650 करोड़ रुपये की बोली लगा दी। जिसके बाद इसी साल जून में, रिलायंस कैपिटल के ऋणदाताओं ने 99.6 प्रतिशत वोट प्राप्त करके IIHL की समाधान योजना को भारी मंजूरी दे दी और टोरेंट इन्वेस्टमेंट द्वारा अधिग्रहण में रुकावट आ गई।
टोरेंट की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में इसी हफ्ते सुनवाई होनी है। गौरतलब है कि पहले राउंड में 8,640 करोड़ रुपये के साथ टोरेंट ने सबसे ज्यादा बोली लगाई थी।