भारत में भूंखडों की मांग तेजी से बढ़ेगी। नई सड़कों, राजमार्गों और हवाई अड्डों में सरकारी निवेश के कारण डेवलपर और ग्राहक दूरदराज के शहरों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं। यह कहना है हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा (एचओएबीएल) के चेयरमैन अभिनंदन लोढ़ा का।
मांग बढ़ने के कारण कंपनी (जिसके पास भूखंडों के विकास के लिए 700 एकड़ जमीन है) चालू वित्त वर्ष के अंत तक अपना राजस्व सालाना आधार पर 40 फीसदी बढ़कर 2400 करोड़ रुपये हो जाने की उम्मीद कर रही है। वर्ष 2021 से कंपनी अपने ग्राहकों को 150 एकड़ के प्लॉटेड भूखंड सौंप चुकी है।
प्लॉटेड भूमि पर लग्जरी रियल एस्टेट ब्रांड का निर्माण कर रहा यह समूह मैक्रोटेक डेवलपर्स से अलग है। मैक्रोटेक डेवलपर्स को अरबपति मंगल प्रभात लोढ़ा ने स्थापित किया था जो वर्तमान में महाराष्ट्र सरकार में पर्यटन और कौशल विकास मंत्री हैं।
अभिनंदन ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘कोविड के बाद हमने प्लॉटों के लिए मांग में तेज वृद्धि दर्ज की है, जिसने हमें पूरे भारत में अयोध्या, गोवा, शिमला और अलीबाग तथा मुंबई के पास दापोली में कई परियोजनाओं में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया।’
कंपनी ने वृद्धि के लिए पूरे भारत में 48 स्थानों की पहचान की है जो अभी बन रहे शानदार बुनियादी ढांचे के विकास के करीब हैं। इन संभावित स्थानों में से वह पहले से ही नौ स्थानों पर भूमि की मालिक है। लोढ़ा ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में हमने जमीनी स्तर पर बुनियादी ढांचे का विकास देखा और क्षेत्र में हुए अभूतपूर्व बदलाव ने हमें इस क्षेत्र में निवेश करने का विश्वास दिया।’
अयोध्या में एचओएबीएल की 75 करोड़ की परियोजना का पहला चरण (36 एकड़) शुरुआत के कुछ ही दिनों में बिक गया था और कंपनी अब अगले कुछ दिनों में अगला चरण शुरू करने की योजना बना रही है। 42 वर्षीय लोढ़ा ने कहा, ‘हमने देखा है कि जिन लोगों के पास जमीन है, उनके लिए मूल्य वृद्धि स्वाभाविक है। जो मूल्य सृजन हुआ है वह अभूतपूर्व है।’
पूरी बिक्री प्रक्रिया को डिजिटल कर दिया गया है और नए जमाने के किसी भी ग्राहक को साइट पर आने की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि सभी दस्तावेज डीमैट स्वरूप में हैं। लोढ़ा ने कहा, ‘नए ग्राहक टेक्नोलॉजी आधारित समाधान तलाश रहे हैं और अगर जमीन के मालिकाने, मंजूरियों, सुरक्षा और रीसेल को लेकर उनकी चिंताएं दूर होती हैं तो यह बेहद अच्छा व्यवसाय बन सकता है।’
कोविड के बाद, ग्राहकों में निवेश के तौर पर प्लॉटों वाली जमीन की मांग तेजी से बढ़ रही है जबकि उपयोग के लिहाज से वर्टिकल कंस्ट्रक्शन ज्यादा लोकप्रिय हो रहे हैं।