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तेल कंपनियों की बढ़ेगी वसूली

Last Updated- December 07, 2022 | 8:44 AM IST

ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी का असर तेल विपणन कंपनियों स्पष्ट रूप से दिख रहा है। तेल विपणन कंपनियों को तेल की बिक्री से होने वाली वसूली 14 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 760 करोड़ रुपये प्रतिदिन होने का अनुमान है जो जून के दूसरे पखवाड़े में 680 करोड़ रुपये प्रतिदिन थी।


तीन तेल विपणन कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) को चालू वित्त वर्ष में 211,400 करोड़ रुपये की कम वसूली होने का अनुमान है। पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी और कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों पर शुल्क में बढ़ोतरी से पहले सालाना कम वसूली 245,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान था।

देश में ही अपने आधे से अधिक ईंधन की खपत करने वाली आईओसी को अगले पखवाड़े के दौरान प्रतिदिन का नुकसान 383 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो तेल कीमतों में बढ़ोतरी से पहले के उसके 392 करोड़ रुपये के नुकसान से महज 9 करोड़ रुपये प्रति दिन कम है। आईओसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘तेल और तेल उत्पादों की कीमतें बढ़ रही हैं और तेल कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से लंबे समय तक लाभ हासिल नहीं होगा।’

आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल सस्ती कीमतों पर पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस और केरोसिन बेचती रही हैं और इसलिए इन कंपनियों को कम वसूली का सामना करना पड़ रहा है। सरकार की ओर से तेल बॉन्डों के जरिये और तेल उत्पादकों को रियायत के जरिये इस घाटे की आंशिक रूप से भरपाई की जाती है।

कच्चे तेल की कीमतों में उछाल जारी है। जून में भारतीय कच्चे तेल की औसतन कीमत 129.72 डॉलर प्रति बैरल यानी 5188 रुपये प्रति बैरल रहीं जो मई के 4836 रुपये प्रति बैरल की तुलना में 7.28 फीसदी अधिक है। अप्रैल में यह कीमत 105.77 डॉलर प्रति बैरल यानी 4230 रुपये प्रति बैरल थी।

First Published - July 1, 2008 | 10:37 PM IST

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