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प्रीमियम तेल से फिसलेगी बढ़ती महंगाई

Last Updated- December 06, 2022 | 12:44 AM IST

तेल के बढ़ते दाम के कारण होने वाले नुकसान को कम करने के लिए तेल कं पनियां अब बड़े शहरों में बस प्रीमियम तेल ही बेचेंगी।


सरकार द्वारा नियंत्रित तेल विपणन क्षेत्र की कंपनियों ने फैसला लिया है कि दिल्ली और मुंबई जैसे ज्यादा खपत वाले शहरों में ज्यादातर पेट्रोल पंपों पर ये कंपनियां अब एडिटिव्स मिला हुआ -हाई परफार्मेंस डीजल और पेट्रोल ही बेचेंगी।


दरअसल सब्सिडाइज्ड कीमतों पर तेल बेचने से इन कंपनियों को रोजाना लगभग 450 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा था।देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) ने मुंबई में अपने 50 पेट्रोल पंपों में से 25 पेट्रोल पंपों पर और दिल्ली में भी 50 में से 10 पंपों पर सिर्फ प्रीमियम ईंधन ही बेचना शुरू कर दिया है।


भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) भी आईओसी के  कदमों पर चलने की तैयारी कर रही हैं।साधारण पेट्रोल और डीजल की तरह प्रीमियम पेट्रोल और डीजल सब्सिडी के दायरे से बाहर रहते हैं। इनकी कीमत साधारण पेट्रोल और डीजल से थोड़ी ज्यादा होती है और इनकी बिक्री से कंपनियों को कम नुकसान होता है।


प्रीमियम पेट्रोल की कीमत साधारण पेट्रोल से लगभग 3 रुपये प्रतिलीटर ज्यादा है तो प्रीमियम डीजल भी साधारण डीजल से लगभग 2.50 रुपये महंगा है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के एक अधिकारी ने कहा ‘सिर्फ प्रीमियम पेट्रोल और प्रीमियम डीजल बेचने वाले पेट्रोल पंपों को वहां हो रही तेल की खपत का अध्ययन करने के बाद चुना गया है। इन जगहों पर प्रीमियम श्रेणी के ईंधन की मांग बहुत ज्यादा थी।’


साल 2007-08 में प्रीमियम श्रेणी के र्इंधन की खपत साल 2006-07 के मुकाबले 89 फीसदी बढ़ी है। वर्ष 2007-08 में प्रीमियम श्रेणी के पेट्रोल और डीजल की भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की कुल राजस्व प्राप्ति में 35 फीसदी का योगदान किया है, जबकि साल 2006-07 में इस श्रेणी की कुल राजस्व में मात्र 15 फीसदी हिस्सेदारी ही थी।


तीनों कंपनियों ने बताया कि इस वित्त वर्ष में प्रीमियम श्रेणी के इंधन कुल खपत के 45 फीसदी मांग को पूरा करेंगे। आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल को प्रत्येक लीटर पेट्रोल के लिए 11 रुपये और प्रत्येक लीटर डीजल के  लिए लगभग 13 रुपये का नुकसान हो रहा है। आईओसी के अधिकारी के मुताबिक अगर पेट्रोल और डीजल के दामों में मात्र 50 पैसे की वृद्धि की जाए तो रोजाना होने वाले नुकसान को  54 लाख रुपये तक कम किया जा सकता है।


आईओसी के अधिकारी ने कहा ‘हम प्रीमियम श्रेणी के ईंधनों को ज्यादा महंगा नहीं कर सकते क्योंकि साधरण पेट्रोल और डीजल के मुकाबले इनकी कीमत काफी ज्यादा हो जाएगी। कीमत ज्यादा होने के कारण इस श्रेणी के ईंधनों को लोग इस्तेमाल करना बंद क र देंगे।’ सिर्फ प्रीमियम ब्रांड बेचने वाले पेट्रोल पंपों में से ज्यादातर कंपनी द्वारा ही संचालित किए जाते हैं।


कंपनी की इस पहल से पेट्रोल डीलर ज्यादा खुश नहीं हैं। लगभग 32,000 पेट्रोल पंपों की सदस्यता वाले ऑल इंडिया पेट्रोलियम ट्रेडर्स एसोसिएशन के महासचिव अजय बंसल ने कहा ‘जिस दिन तेल कंपनियों ने हमें सिर्फ प्रीमियम पेट्रोल और डीजल बेचने को विवश किया उस दिन हम हड़ताल कर देंगे।’

First Published - April 30, 2008 | 12:52 AM IST

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