गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (जीएसपीसी) और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) की संयुक्त उपक्रम कंपनी ‘साबरमती गैस’ इक्विटी बेच कर 140 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है।
वैसे अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि कंपनी कितनी इक्विटी बेचेगी, लेकिन इस मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कंपनी 50 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है।
रणनीतिक भागीदारों की तलाश के लिए कंपनी ने निवेश बैंकर के तौर पर एसबीआई कैपिटल को चुना है। अप्रैल 2006 में बीपीसीएल और जीएसपीसी ने 25 प्रतिशत की समान भागीदारी के साथ साबरमती गैस के साथ एक संयुक्त उपक्रम समझौता (जेवीए) किया था।
गांधीनगर, मेहसाणा और साबरकांठा जिले में घरेलू और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में सीएनजी की आपूर्ति करने के लिए सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन के लिए जून, 2006 में 100 करोड़ रुपये की पूंजी के साथ यह कंपनी स्थापित की गई थी। इसके लिए कंपनी ने 410 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से एक व्यापार विकास योजना की रूपरेखा तैयार की थी।
दिसंबर 2007 में एसबीआई कैपिटल के साथ-साथ ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नैशनल बैंक और स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर ने 270 करोड़ रुपये के अवधि ऋण की व्यवस्था की थी। इस मामले से जुड़े अधिकारियों ने बताया, ‘कंपनी ने बाकी राशि की व्यवस्था इक्विटी भागीदारी के जरिये वित्तीय संस्थाओं से जुटाने की योजना बनाई है।’
फिलहाल साबरमती गैस गांधीनगर जिले के सांतेज, कैरोली, खतराज, वडसार और भाट इलाकों में विभिन्न औद्योगिक इकाइयों के लिए प्राकृतिक गैस की आपूर्ति कर रही है। ये इकाइयां सेरामिक्स, कागज और पोलीप्लास्ट बैग का निर्माण करती हैं। भाट की मदर डेयरी के लिए भी गैस की आपूर्ति शुरू की जा चुकी है।
गांधीनगर में पथिकआश्रम के पास गुजरात स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (जीएसआरटीसी) की बसों के लिए एक सीएनजी स्टेशन भी शुरू किया गया है। अधिकारियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि कंपनी तीन-चार साल बाद एक आईपीओ लाने भी विचार कर सकती है।