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इस्पात उत्पादन क्षमता दोगुनी करेगी सेल

Last Updated- December 06, 2022 | 12:44 AM IST

सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख इस्पात कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) 54 हजार करोड़ रुपये की तीन साल की विस्तार योजना के लिए 1:1 ऋण-इक्विटी अनुपात की मदद लेने वाली है।


विस्तार और आधुनिकीकरण की इस परियोजना से 2010 तक कंपनी की इस्पात उत्पादन की क्षमता दोगुनी होकर 2.60 करोड़ टन हो जाएगी।सेल के चेयरमैन एस के रूंगटा का कहना है, ‘हमारे पास विस्तार को आगे बढ़ाने के लिए काफी आरक्षित पूंजी है, जिससे वे ऋण उगाह सकेंगे।’ यह विस्तार सेल के चार संयंत्रों राउरकेला, भिलाई, दुर्गापुर और बोकारो में किया जाएगा।


कंपनी में यह विस्तार तब हो रहा है, जिस समय कोयला कीमतें पिछले एक साल में तीन बार बढ़कर 12 हजार रुपये प्रति टन हो गई हैं। रूंगटा का कहना है, ‘हम अपनी कुशलता को बढ़ा रहे हैं और बढ़ती कीमतों के असर को कम करने के लिए मूल्य वर्धित उत्पादों पर अधिक ध्यान दे रहे हैं।’


फिलहाल सेल के कुल 35 हजार करोड़ रुपये के राजस्व में से लगभग 40 फीसदी मूल्य वर्धित उत्पादों से प्राप्त किया जाता है। रूंगटा का कहना है कि अतिरिक्त 10 लाख टन इस्पात प्राप्त करने के लिए पूरी तौर पर कुशलता में वृध्दि के लिए कंपनी ने अपनी कमर कस ली है।


सेल अभी से विस्तार के बाद अपनी वात्या भट्टी के निरंतर चलने की तैयारियों में भी जुट गई है। कंपनी ने कोयले और लौह अयस्क भंडारों को सुरक्षित करने की कवायद भी तेज कर दी है ताकि अच्छा-खासा मुनाफा कमाया जा सके।


रूंगटा ने कहा, ‘हमनें टाटा स्टील के साथ एक संयुक्त उपक्रम बनाया है, जिसके तह हम झारखंड में कोयला खनन करेंगे, जबकि इसी राज्य में चिरिया में हम अपनी लौह अयस्क खदानों जल्द ही शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं।’ इन लौह अयस्क खदानों में लगभग 2 अरब टन उच्च स्तर के लौह अयस्क का भंडार है।

First Published - April 30, 2008 | 1:06 AM IST

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