सार्वजनिक क्षेत्र की वाहन कंपनी स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड (एसआईएल) इलेक्ट्रिक दुपहिया सेगमेंट में प्रवेश करने पर विचार कर रही है।
फिलहाल कंपनी संभावित सहयोग के लिए कुछ भारतीय कंपनियों की ओर से प्राप्त हुए आशय पत्रों (ईओआई) का मूल्यांकन कर रही है। लखनऊ की यह कंपनी यात्री तिपहिया वाहनों की अपनी उत्पाद रेंज को दुपहिया वाहनों तक बढ़ाना चाहती है।
मार्च में कंपनी ने प्रस्तावित इलेक्ट्रिक दुपहिया के निर्माण एवं विपणन में सहयोग के लिए ऑटो कंपनियों से ईओआई आमंत्रित किए थे। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हमने 8-9 भारतीय कंपनियों से ईओआई प्राप्त किए और इन्हें मूल्यांकन और शॉर्ट-लिस्टिंग के लिए निदेशक मंडल के समक्ष भेज दिया गया है।’
एक अधिकारी ने बताया, ‘तकनीकी और वित्तीय दोनों तरह की शर्तों के आधार पर ईओआई का मूल्यांकन किया जाएगा, क्योंकि यह लंबे समय के लिए गठजोड़ होगा।’ 1996 में बोर्ड फॉर इंडस्ट्रियल ऐंड फाइनेंशियल रीकंस्ट्रक्शन (बीआईएफआर) के रुग्ण इकाई के दायरे में आई एसआईएल देश में अपने डीलरशिप नेटवर्क के जरिये बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक दुपहिया बेचेगी।
स्कूटर ब्रांड लैमब्रेट्टा का वैश्विक अधिकार हासिल करने वाली एसआईएल ने 1997 में दुपहिया का निर्माण बंद कर दिया था। 1972 में स्थापित कंपनी के पास एकीकृत ऑटोमोबाइल संयंत्र है जो पारंपरिक और गैर-पारंपरिक ईंधन से चलने वाले तिपहिया वाहनों की डिजाइनिंग, निर्माण और विपणन आदि में संबद्ध है।
कंपनी ने 1975 में घरेलू बाजार के लिए विजई सुपर ब्रांड और वैश्विक बाजार के लिए लैमब्रेट्टा के तहत स्कूटरों का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू किया था। बाद में कंपनी ने विक्रम को उतारा जो पेट्रोल, डीजल और गैर-पारंपरिक ईंधनों एलपीजी, सीएनजी और बैटरी के रूप में कई मॉडलों में मौजूद है।