देश की तेल कंपनियों ने विमान ईंधन की कीमत 7 फीसदी बढ़ाई तो सरकार ने ईंधन पर लगने वाले आयात शुल्क को 10 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है। इसके बाद भी विमानन उद्योग किराया बढ़ाने को लेकर निश्चित नहीं है।
उद्योग के सूत्रों के मुताबिक विमानन कंपनियां कम दूरी क ी उड़ानों के टिकटों में 150 रुपये और लंबी दूरी की उड़ानों में लगभग 300 रुपये की बढ़ोतरी की संभावना है। क ोलकाता में विमान ईंधन की कीमत में 7.04 फीसदी का इजाफा किया गया है। जबकि दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में विमान ईंधन की कीमत में लगभग 4.35 फीसदी का इजाफा किया गया है।
एयर इंडिया के एक अधिकारी ने कहा, ‘यह कोई जरूरी तो नहीं है कि हर बार ईंधन की कीमतें बढ़ने के साथ ही किराये में भी बढ़ोतरी की जाए। हम हालात देखते हुए ही फैसला करेंगे। हालांकि अभी इस बारे में कुछ भी निश्चित नहीं है।’ ज्यादातर विमानन कंपनियों से इस बारे में बात नहीं हो पाई। लेकिन जेट और इंडिगो ने कहा कि इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।
हालांकि ट्रैवल पोर्टल कंपनियों ने बताया कि विमानन कंपनियों ने इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं दी है। ट्रैवल पोर्टल मेकमाइट्रिप डॉट कॉम के केयूर जोशी ने कहा, ‘विमान ईंधन की कीमत बढ़ने के बाद विमानन कंपनियों के यात्रियों की संख्या में 20-30 फीसदी की कमी आई है। लगातार कीमतें बढ़ाने के बाद भी विमानन कंपनियों की लागत और राजस्व में भारी अंतर है।’
पिछेल महीने ईंधन की कीमत बढ़ने के बाद किंगफिशर और एयर इंडिया ने फ्यूल सरचार्ज में छोटी दूरी के लिए 300 रुपये और लंबी दूरी के लिए 500 रुपये की बढ़ोतरी की थी। इसके बाद कम दर पर विमान सेवा मुहैया कराने वाली स्पाइस जेट और जेट एयरवेज ने भी किराये में बढ़ोतरी की थी।