भारत में बढ़ती मुद्रास्फीति और कच्चे तेल की कीमतों की मार कारोबार के साथ-साथ रोजगार पर भी पड़ने वाली है।
रोजगार सर्वेक्षण करने वाली एजेंसी टीमलीज सर्विसेज के अनुसार जुलाई- सितंबर 2008 तिमाही के लिए भारतीय कारोबार की संभावनाएं अभी तक के सबसे निचले स्तर पर 65 सूचकांकों पर पहुंच गई हैं। मौजूदा तिमाही के मुकाबले इसमें 5 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।
कारोबार सूचकांकों के अनुसार सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में जबरदस्त इजाफा दिखाई दे रहा है, लेकिन वित्तीय सेवाओं, दूरसंचार, बुनियादी ढांचागत निर्माण और रिटेल, मीडिया और एफएमसीजी क्षेत्रों में गिरावट का दौर जारी रहने की आशंका है।
जुलाई-सितंबर 2008 के लिए रोजगार सूचकांकों में मौजूदा तिमाही के मुकाबले 1 सूचक अंक बढने के साथ यह 75 सूच अंक हो गया है। जिन क्षेत्रों को सूचकांकों के लिए शामिल किया गया है उनमें दूरसंचार (88 अंक के साथ) और वित्तीय सेवाओं (67 अंक के साथ) में सूचकांकों में गिरावट देखी गई है। बुनियादी ढांचागत निर्माण क्षेत्र 93 अंकों के साथ सूचकांकों में सबसे ऊपर है।
टीमलीज सर्विसेज के उपाध्यक्ष संपत शेट्टी का कहना है, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ती महंगाई दर और तेल कीमतों के बीच रोजगार की संभावनाएं कम हैं। मुंबई, कोलकाता में रोजगार वृध्दि पिछली चार तिमाहियों से घटती जा रही है ।