सोडा ऐश इस्तेमाल करने वालों के लिए संकट के बादल छंटते नजर नहीं आ रहे। देश की प्रमुख सोडा-ऐश निर्माता कंपनियों, जिनमें टाटा केमिकल, निरमा डीसीडब्ल्यू और जीएचसीएल ने या तो 12 प्रतिशत कीमतें बढ़ा दी हैं या फिर वे कीमतें बढ़ाने वाली हैं।
पिछले 15 महीनों में कीमतें 9 हजार रुपये प्रति टन से दोगुनी होकर 16,750 रुपये प्रति टन हो चुकी हैं। बढ़ती कीमतों से डिटरजेंट और शीशा निर्माताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। निरमा और डीसीडब्ल्यू अपनी कीमतें 15 जुलाई से बढ़कार 11.66 प्रतिशत बढ़ा चुकी हैं। अब प्रति टन सोडा ऐश के लिए 1,750 रुपये अधिक देने पड़ रहे हैं।
निरमा के अधिकारी का कहना है, ‘ऊर्जा और परिवहन की लागत में अहम वृध्दि हुई है। हमारे पास सोडा ऐश की कीमतें बढ़ाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है।’ उद्योग जगत के सूत्रों का कहना है कि जीएचसीएल भी जल्द ही कीमतें बढ़ा सकती है। 14 प्रतिशत उत्पाद शुल्क, 4 प्रतिशत मूल्य वर्धित कर और परिवहन चार्ज (400 रुपये प्रति टन) के बावजूद उपभोक्ताओं को 18 हजार से 19 हजार रुपये प्रति टन के बीच खर्च करना पड़ सकता है।
गुजरात डाईस्टफ निर्माता कंपनी संघ के संयुक्त उपाध्यक्ष शंकरभाई पटेल का कहना है, ‘ऐसी स्थिति में उद्योग का फल-फूल पाना मुश्किल है। शीशा और डिटरजेंट निर्माता कंपनियों पर ज्यादा प्रभाव पड़ सकता है। डाई और उससे जुड़े उत्पाद बनाने वाली ज्यादातर इकाइयां दीर्घावधि निर्यात ठेके करती हैं। हमें इन ठेकों में समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।’ सोडा ऐश डाईस्टफ और उससे जुड़ उत्पाद उद्योग के लिए एक अहम कच्चा माल है। उनके अनुसार सल्फर की कीमतें 8 गुना बढु चुकी हैं, सल्फ्युरिक एसिड, ओलियम 65, क्लोरोसल्फोनिक एसिड की कीमतें भी 3 गुना बढ़ चुकी हैं।