देश में सॉफ्टवेयर उत्पादों का घरेलू बाजार तो फल फूल ही रहा है, आउटसोर्सिंग की गुंजाइश भी यहां कम नहीं है।
विशेषज्ञों के मुताबिक कंपनियों ने इस राह पर चलना शुरू कर दिया है और अगले 5-7 वर्षों में आउटसोर्सिंग भागीदारों की मांग में जबरदस्त तेजी आने की संभावना है।
पिछले दो वर्षों में तकरीबन 500 सॉफ्टवेयर उत्पाद कंपनियों ने मोबाइल, इंटरनेट, डिजिटल एंटरटेनमेंट, ट्रेवल और रिटेल जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर भारतीय बाजार में दस्तक दी है। उद्योग के जानकारों का कहना है कि इनमें से अधिकांश कंपनियां कम चर्चित ब्रांड नाम के कारण डेवलपरों की टीम तैयार करने में पूरी तरह सफल नहीं रही हैं और अब वे सॉफ्टवेयर विकास कार्यों को स्थानीय भागीदारों को आउटसोर्स करने पर विचार कर रही हैं।
आउटसोर्सिंग आसान
चेन्नई में डिजिटल वेंडिंग मशीन के अपने नेटवर्क के जरिये डिजिटल संगीत की बिक्री करने वाली फर्म मैंगो डीवीएम के सह-संस्थापक दीपक रमेश कहते हैं, ‘हमने मई 2007 में जब कंपनी शुरू की थी तो हमारे पास दो विकल्प थे। या तो सॉफ्टवेयर डेवलपरों की टीम बनाना या फिर किसी स्थानीय भागीदार को कार्य आउटसोर्स करना। हमने दूसरे विकल्प को तरजीह दी क्योंकि हमारी जैसी छोटी कंपनी के लिए कम चर्चित ब्रांड के साथ इंजीनियरों की टीम तैयार करना और उसे संभालना कठिन था।’
कई आउटसोर्स्ड प्रोडक्ट डेवलपमेंट (ओपीडी) कंपनियां भारतीय उत्पाद कंपनियों की संख्या बढ़ने और उनके उत्पादों के लिए घरेलू मांग में बढ़ोतरी को लेकर आशान्वित हैं। इस मांग से आउटसोर्सिंग भागीदारों को भी फायदा पहुंचेगा। इन उत्पाद विकास कंपनियों में पर्सिस्टेंट सिस्टम्स, सिंफनी सर्विसेज और एस्पायर सिस्टम्स प्रमुख रूप से शामिल हैं।
स्थानीय बाजार अहम
पर्सिस्टेंट सिस्टम्स के मुख्य प्रबंध निदेशक आनंद देशपांडे अपनी राय व्यक्त करते हुए कहते हैं, ‘स्थानीय बाजार ओपीडी कंपनियों के लिए विकास का सबब होगा। हालांकि अभी यह बाजार शुरुआती चरण में है। अगले कुछ वर्षों में हम बड़े घरेलू सौदों के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे जिनमें रक्षा ठेके भी शामिल हैं।’
भारत में सक्रिय कई वैश्विक सॉफ्टवेयर कंपनियों के लिए आउटसोर्सिंग भागीदार की भूमिका निभा रही सिंफनी सर्विसेज भी देश में अवसरों को हासिल करने की कोशिश में लगी हुई है। सिंफनी सर्विसेज के सीओओ (ग्लोबल ऑपरेशंस) अजय काला ने बताया, ‘मुझे भरोसा है कि घरेलू उत्पाद बाजार तेजी से खुलेगा और इंटरनेट, ट्रेवल पोर्टल, मोबाइल और रिटेल आदि क्षेत्रों से जुड़ी कंपनियां बड़ी संख्या में सिंफनी जैसी उत्पाद विकास कंपनियों की तरफ ध्यान केंद्रित करेंगी।’
चेन्नई की ओपीडी फर्म एस्पायर सिस्टम्स डिजिटल एंटरटेनमेंट और फाइनेंशियल सॉफ्टवेयर क्षेत्र से जुड़ी भारतीय कंपनियों से कई ठेके हासिल कर चुकी है। कंपनी ने चालू वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले-पहले भारतीय उत्पाद कंपनियों से कम से कम 6 ठेके हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
किफायत जरूरी
काला कहते हैं, ‘भारतीय उद्यमियों की नई पीढ़ी सॉफ्टवेयर उत्पादों को विकसित करना तो चाहती है, लेकिन इंजीनियरों की टीम तैयार करना उनके लिए एक बड़ी चुनौती है। इसका सबसे किफायती और आसान उपाय हमारी जैसी उत्पाद विकास कंपनियों को कार्य आउटसोर्स करना है।’ भारत में उत्पाद व्यवसास में तेजी 2004-05 में आई, जब उद्यम कंपनियों के पास धन आया और घरेलू बाजार में सॉफ्टवेयर उत्पाद विकास की जरूरत महसूस की गई।