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स्पाइस को मिला शेयर बिक्री का आइडिया

Last Updated- December 07, 2022 | 8:03 AM IST

दूरसंचार के भारतीय मैदान में छोटे ऑपरेटरों का झंडा बुलंद करने वाली अगुआ कंपनी स्पाइस टेलीकॉम भी आखिरकार अधिग्रहण की भेंट चढ़ ही गई।


जीएसएम क्षेत्र की बड़ी कंपनी आइडिया सेल्युलर लिमिटेड की निगाह काफी समय से उद्योगपति बी के मोदी की स्पाइस पर लगी हुई थी। आखिरकार इस हफ्ते बुधवार को आइडिया ने स्पाइस में मोदी के शेयर खरीद ही लिए।

आइडिया ने कंपनी में 40.8 फीसद हिस्सेदारी खरीदने के लिए 2,720 करोड़ रुपये खर्च किए। इसके साथ ही पंजाब और कर्नाटक में स्पाइस के अच्छे खासे बाजार की कमान आइडिया के हाथों में आ गई। भारतीय दूरसंचार बाजार में ग्राहकों की कुल तादाद में अब 11.1 फीसद हिस्सेदारी आइडिया की ही होगी।कंपनी में टेलीकॉम मलेशिया इंटरनेशनल की भी अच्छी खासी हिस्सेदारी है। दोनों कंपनियां मिलकर बाजार से अभी 20 फीसद हिस्सेदारी और खरीदने की कोशिश कर रही हैं।

इस सौदे के बाद स्पाइस के शेयरों में जबरदस्त उछाल आया। निवेशकों को इससे खासा फायदा हुआ क्योंकि उनका धन कई गुना बढ़ गया। जानकारों के मुताबिक कंपनी के शेयरों में यह तेजी आगे भी बरकरार रहेगी। स्पाइस की शुरुआत 28 मार्च 1995 को हुई थी, जब मोदी ने इसे मोदीकॉम प्राइवेट लिमिटेड के नाम से शुरू किया था। कंपनी का नाम 1 अप्रैल 1999 को बदलकर मोदीकॉम नेटवर्क लिमिटेड कर दिया गया। उसी साल उसका नाम स्पाइस हो गया। इसे 19 जुलाई 2007 को बम्बई स्टॉक एक्सचेंज और 16 जून 2008 को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध कराया गया।

हालांकि स्पाइस टेलीकॉम ने मोबाइल सेवा प्रदाता के तौर पर अपनी हिस्सेदारी आइडिया सेल्युलर को दे दी, लेकिन हैंडसेट बनाने के कारोबार पर उसका ध्यान पहले की तरह बदस्तूर जारी है। इसे अलावा वह सोनी एंटरटेनमेंट नेटवर्क को भी अपने बैनर तले उतारने की कोशिश कर रही है, जिसका नाम सोनी स्पाइस होगा।

First Published - June 28, 2008 | 12:16 AM IST

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